खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण की जांच मैरी कॉम को सौंपी; उन्हें निगरानी समिति का अध्यक्ष बनाया!

    खेल मंत्रालय ने एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया है। यह समिति जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ का काम देखेगी। समिति आरोपों की जांच भी करेगी।

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    खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण की जांच मैरी कॉम को सौंपी; उन्हें निगरानी समिति का अध्यक्ष बनाया!
    खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण की जांच मैरी कॉम को सौंपी; उन्हें निगरानी समिति का अध्यक्ष बनाया!

    खेल मंत्रालय ने ओलिंपिक मेडल विजेता मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम को पांच मेंबर्स वाली जांच समिति का अध्यक्ष बनाया

    भारतीय कुश्ती संघ और इसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लग रहे आरोपों के बीच खेल मंत्रालय ने एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया है। यह समिति जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ का काम देखेगी। समिति आरोपों की जांच भी करेगी।

    ओलिंपिक मेडल विजेता मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम को इस पांच मेंबर्स वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि समिति चार सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मैरी कॉम की टीम में ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त, ध्यानचंद अवॉर्डी तृप्ती मुरगुंडे, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) की सदस्य राधिका श्रीमन के अलावा टीओपीएस कमेटी के पूर्व-सीईओ कमांडर राजेश राजगोपालन को भी शामिल किया गया है।

    उधर, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) ने भी पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी में बॉक्सर मेरीकॉम, तीरंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्रीस्टाइल कुश्तीबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो वकील शामिल हैं।

    पहलवानों की तरफ से आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को शिकायती पत्र भेजे जाने के बाद इस कमेटी का गठन किया गया। आईओए की कमेटी प्रेसिडेंट पीटी ऊषा को रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं खेल मंत्रालय की समिति अनुराग ठाकुर को रिपोर्ट सौंपेगी।

    यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘मैं मुंह खोल दूंगा तो सुनामी आ जाएगी। मेरे समर्थन में भी कई खिलाड़ी हैं।’ सूत्रों की माने तो खेल मंत्रालय डब्ल्यूएफआई पर डायरेक्ट एक्शन नहीं ले सकता है, लेकिन इंडियन ओलिंपिक संघ फेडरेशन को भंग कर सकता है। ऐसे में अगर बृजभूषण नहीं माने तो आईओए कार्रवाई कर सकता है।

    इंडियन ओलिंपिक संघइंडियन ओलिंपिक संघ (आईओए) के पास नेशनल फेडरेशन को भंग करने का अधिकार है। 2008 और 2009 में ऐसा किया जा चुका है। आईओए ने 2008 में हॉकी फेडरेशन को भंग कर दिया था। उस समय फेडरेशन के सेक्रेटरी के ज्योति कुमारन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ी से पैसे लेने का मामला सामने आया था।

    तब हॉकी फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष केपीएस गिल थे। उस समय अस्थायी समिति की कमान पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेख खान को सौंपी गई थी। इस समिति के सदस्यों में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अजितपाल सिंह, जफर इकबाल, धनराज पिल्लै और अशोक कुमार शामिल थे।

    2009 में वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को भी आईओए ने भंग कर दिया था। उस समय वेटलिफ्टिंग में डोप के कई मामले सामने आ रहे थे। उस समय अध्यक्ष हरभजन सिंह थे।

    मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कार्रवाई के चांसेज कम हैं। सूत्रों ने बताया- डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह खुद रिजाइन करते हैं तो ठीक, वर्ना मिनिस्ट्री उन्हें हटा नहीं सकती। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल मार्च तक खत्म हो रहा है। कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार वे अब आगे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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