स्पाइसजेट ने पायलट्स को बिना वेतन अवकाश पर भेजा
एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने 80 पायलट्स को तीन महीने के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेज दिया है। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसने लागत में कमी लाने के लिए यह कदम उठाया है। कंपनी के अनुसार यह एक अस्थायी उपाय है। मालूम हो कि कंपनी की आधी उड़ानों पर डीजीसीए ने 8 हफ्ते का बैन लगा रखा है।
स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा, यह उपाय एयरलाइन के किसी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं करने की नीति के अनुरूप है। कोविड महामारी के दौरान भी एयरलाइन ने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला था। इस कदम से पायलट्स की संख्या को विमानों के बेड़े के अनुसार किया जा सकेगा।
जबरन बिना वेतन छुट्टी पर भेजे गए पायलट एयरलाइन के बोइंग और बाम्बार्डियर बेड़े के हैं। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया, ‘बोइंग 737 और बाम्बार्डियर क्यू400 बेड़े के करीब 70-80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह चिंता का विषय है। इसने एयरलाइन के कर्मचारियों के मनोबल को प्रभावित किया है।
एक पायलट ने कहा, “हमें एयरलाइन के वित्तीय संकट की जानकारी है, लेकिन अचानक लिए गए इस फैसले से हमें झटका लगा है। तीन माह बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या होगी, इसको लेकर भी अनिश्चितता है। इस बात का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है कि छुट्टी पर भेजे गए पायलटों को वापस बुलाया जाएगा।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के 27 जुलाई के आदेश के अनुसार, एयरलाइन को अपनी क्षमता के 50% तक उड़ानें संचालित करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। आदेश के अनुसार, स्पाइसजेट के संचालन में 27 जुलाई से आठ सप्ताह के लिए कटौती की गई है। इसके दौरान यह नियामक की बढ़ी हुई निगरानी में रहेगा। एयरलाइन को विमानन नियामक को पर्याप्त तकनीकी सहायता दिखानी होगी, ताकि उसे 8 सप्ताह की अवधि के बाद 50 फीसदी से अधिक उड़ानें संचालित करने की अनुमति मिल सके।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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