कांग्रेस जी-23 के एक और सदस्य का इस्तीफा; पार्टी छोड़ते वक्त कहा कि बर्बादी के जिम्मेदार राहुल गांधी!

एमए खान ने भी इस्तीफा देते हुए कांग्रेस की बर्बादी के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।

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कांग्रेस जी-23 के एक और सदस्य का इस्तीफा
कांग्रेस जी-23 के एक और सदस्य का इस्तीफा

कांग्रेस का किला ढह रहा है और राहुल गांधी मौज में

सीनियर नेता गुलाम नबी के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब जी-23 ग्रुप के नेताओं का इस्तीफा भी शुरू हो गया है। तेलंगाना के कद्दावर नेता एमए खान ने भी इस्तीफा दे दिया है। खान ने भी इस्तीफा देते हुए कांग्रेस की बर्बादी के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है। खान कांग्रेस में बागी जी-23 ग्रुप के सक्रिय सदस्य थे और 2008 से लेकर 2020 तक राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।

खान ने सोनिया को लिखी चिट्ठी में कहा कि कांग्रेस देश के जनता को यह समझाने में नाकाम रही कि पार्टी बदलाव कर रही है और देश को आगे ले जाना चाहती है। उन्होंने आगे कहा- जब तक आप सक्रिय थीं तब तक पार्टी में सीनियर नेताओं से सुझाव लिया जाता था लेकिन अब यह प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी में 40 साल की इस यात्रा को मैं अब समाप्त कर रहा हूं।

जी-23 के सदस्य और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी ने शनिवार को कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तिवारी ने कहा कि हाईकमान समझौता करने के मूड में नहीं था, इसलिए गुलाम नबी पार्टी छोड़ के चले गए हैं। तिवारी ने आगे कहा कि मैं किराएदार नहीं हूं, मैं इस घर को बनाने वाला हूं, इसलिए पार्टी छोड़ कर नहीं जाऊंगा।

वहीं शनिवार को आजाद के आवास पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा पहुंचे और दोनों के बीच करीब 2 घंटे तक बातचीत हुई। शर्मा भी पिछले हफ्ते हिमाचल कांग्रेस के स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। अटकलें लगाई जा रही है कि आनंद शर्मा भी कांग्रेस से आजाद हो सकते हैं।

आजाद के कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के बाद अब तक जम्मू-कश्मीर में पांच नेताओं जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनमें सरूरी को छोड़कर बाकी सब पूर्व विधायक हैं।

शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा था। आजाद ने 5 पन्नों की चिट्ठी में लिखा था- राहुल गांधी ने पार्टी में एंट्री के साथ ही सलाह के मैकेनिज्म को तबाह कर दिया। खासतौर पर जनवरी 2013 में उनके उपाध्यक्ष बनने के बाद तो पार्टी में यह सिस्टम पूरी तरह बंद हो गया।

सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया और गैर-अनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप बन गया, जो पार्टी चलाने लगा।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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