बुधवार को राम मंदिर न्यास की पहली बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास को अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता चंपत राय को महासचिव चुना गया। वरिष्ठ वकील के परासरन के निवास पर आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख के रूप में चुना गया।
बैठक का उद्देश्य अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में तेजी लाने के लिए तौर-तरीकों पर काम करना था। चंपत राय ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान के लिए अयोध्या की भारतीय स्टेट बैंक शाखा में खाता खोलने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में न्याय के कोषाध्यक्ष के रूप में पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरी को नियुक्त किया गया।
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बैठक में उपस्थित लोगों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार, यूपी सरकार के प्रतिनिधि अविनाश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा शामिल थे।
नवंबर 9, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद, 5 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 15-सदस्यीय न्याय के गठन की घोषणा की थी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास में सात सदस्य हैं, पांच नामित सदस्य और तीन न्यासी (ट्रस्टी)।
वरिष्ठ वकील परासरन को न्यास के प्रमुख के रूप में नामित किया गया और इसके अन्य सदस्यों में जगतगुरु शंकराचार्य, इलाहाबाद से ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज , उडुपी पेजावर मठ के जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नाथिरथ जी महाराज, हरिद्वार से यूगपुरुष परमानंदजी महाराज, पुणे से स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज और अयोध्या से विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र शामिल हैं।
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