असम में अलकायदा के केंद्र बन चुके मदरसों को गिराने के लिए जनता आयी आगे!
असम के गोलपारा जिले में मदरसों के गिराए जाने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि ये सभी मदरसे शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि अल-कायदा का केंद्र थे। सरमा ने कहा- “हमने 2-3 मदरसे गिराए और अब जनता दूसरे मदरसों को गिराने खुद आगे आ रही है। मुस्लिम समुदाय यह कहते हुए मदरसे ध्वस्त करने आगे आ रहा है कि वे नहीं चाहते जहां अल-कायदा का काम होता है, वहां बच्चों को भेजा जाए। इससे मदरसे का चरित्र बदल जाता है।”
असम के गोलपारा जिले के पखुरिया चार के लोगों ने एक मदरसे को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र बताकर गिरा दिया। इसे गिराने में असम सरकार शामिल नहीं थी। बल्कि वे हैरान थे कि जिस जिहादी को गिरफ्तार किया गया वह मदरसे में पढ़ाता था। लोगों ने कहा है कि वे जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं। हालांकि मंगलवार को गिराए गए मदरसे के मौलवी फरार हैं।
पिछले दिनों असम में चार मदरसों को ध्वस्त कर दिया गया। जिनमें से पहले तीन को सरकारी अधिकारियों ने गिराया था। इससे पहले 4 अगस्त को सरकारी अधिकारियों ने मोरीगांव जिले के मोइराबारी में मदरसा जमीउल हुडा को गिराया था। इसके बाद 29 अगस्त को बारपेटा जिले के होवली में जमीउल हुडा अकादमी मदरसा और 31 अगस्त को बोंगाईगांव जिले में मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसे को गिराया गया था।
शनिवार को अल-कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) आतंकी समूहों से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को असम पुलिस ने गोलपारा जिले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मोरनोई थाने के तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान और गोलपारा के मटिया थाना अंतर्गत तिलपारा नतुन मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख के रूप में हुई।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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