वाहन निर्माताओं को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के साथ नई खरीद के लिए 5% की छूट प्रदान करने की सलाह दी गयी है!
भारत ने गुरुवार को एक नई वाहन नीति की घोषणा की। सरकार की वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत, नई कारों की खरीदी पर लगभग 5 प्रतिशत छूट उन खरीदारों को दी जायेगी जो पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए देंगे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद को बताया और इसे “दो तरफा लाभ” की नीति करार दिया, जो ईंधन की दक्षता बढ़ाने में और प्रदूषण को कम करने में कारगर होगी। परिवहन मंत्रालय ने इस मामले पर एक सलाह भी जारी की। केंद्रीय बजट 2021-22 के लिए घोषित स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति में व्यक्तिगत वाहनों के लिए 20 वर्षों के बाद फिटनेस (गुणवत्ता) परीक्षण का प्रावधान है, जबकि वाणिज्यिक वाहनों को 15 वर्षों के पूरा होने के बाद इसकी आवश्यकता होगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री गडकरी ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा – “स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम या वाहन स्क्रैपिंग नीति पुराने वाहन की स्क्रैपिंग के बदले में नई कार खरीद पर खरीदारों को लगभग 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करेगी। वाहन निर्माताओं को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के साथ नई खरीद के लिए 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने की सलाह दी गयी है।”
मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफलता के मामले में वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद अ-पंजीकृत किया जाएगा। मंत्री के अनुसार, फिटनेस प्रमाणपत्र और फिटनेस परीक्षण के लिए बढ़ी हुई फीस प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल बाद लागू हो सकती है।
“योजना पुराने वाहनों के मालिकों को पुराने और अनफिट वाहनों को पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्रों के माध्यम से स्क्रैपिंग कराने पर अच्छा लाभ प्रदान करेगी, और मालिकों को स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।” प्रोत्साहन/ लाभ को सूचीबद्ध करते हुए, गडकरी ने कहा, “स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा पुराने वाहन के लिए दिया जाने वाला स्क्रैप मूल्य नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6 प्रतिशत होगा”।
राज्य सरकारों को सलाह दी जा सकती है कि वे सड़क कर में निजी वाहनों के लिए 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश करें। इसके अलावा, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के साथ नए वाहन की खरीद के लिए पंजीकरण शुल्क भी माफ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूरे भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र (आरवीएसएफ) की स्थापना को बढ़ावा देगा और इस तरह के केंद्र खोलने के लिए सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
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उन्होंने कहा कि पूरे भारत में एकीकृत स्क्रैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही कुछ चिंहित स्थानों जिनमें गुजरात का अलंग शामिल है, जहां कई अन्य संभावित केंद्रों के बीच स्क्रैपिंग के लिए एक अति विशिष्ट केंद्र विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जहां विभिन्न स्क्रैपिंग प्रौद्योगिकियों को एक साथ समन्वित किया जा सकता है। एक ही तंत्र के माध्यम से सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया के साथ, स्क्रैपिंग सुविधा को पर्यावरण और प्रदूषण मानदंडों और सभी लागू अधिनियमों के साथ पालन करना होगा।
मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्क्रैपिंग केंद्रों में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा तथा वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को खत्म करने के लिए उपकरण और खतरनाक कचरे के प्रबंधन और निपटारण के लिए पर्याप्त सुविधाएं हों। उन्होंने कहा कि मंत्रालय राज्य सरकार, निजी क्षेत्र, ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा पीपीपी मॉडल पर स्वचालित फिटनेस केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा देगा। इस तंत्र से लगभग 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश और 35,000 रोजगार के अवसरों का निर्माण होने की उम्मीद है। गडकरी ने कहा कि इस नीति से जीएसटी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी।
कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण विषम स्थिति का सामना कर रहे भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस नीति को एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। उनके अनुसार, नीति का उद्देश्य पुराने और खराब वाहनों की संख्या को कम करना, वाहनों के वायु प्रदूषकों को कम करना, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना है। इसके अलावा, यह बेहतर ईंधन दक्षता हासिल करने में मदद करेगा, अनौपचारिक वाहन स्क्रैपिंग उद्योग को औपचारिक रूप देगा, और मोटर वाहन, इस्पात (स्टील) और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए कम लागत वाले कच्चे माल की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।
पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग के साथ, प्लास्टिक, तांबा, एल्यूमीनियम, स्टील और रबर जैसे कच्चे माल को पुनर्नवीनीकरण (रीसायकल) किया जाएगा। इससे लागत कम होगी और उद्योग को अधिक लागत-प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों में हितधारकों की टिप्पणियों के लिए एक मसौदा अधिसूचना प्रकाशित करेगा। नीति के तहत, प्रयोगात्मक रूप से, फिटनेस परीक्षण और स्क्रैपिंग केंद्रों के लिए नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होने की संभावना है, जबकि 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी और पीएसयू वाहनों की स्क्रैपिंग 1 अप्रैल 2022 से होगी।
भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 अप्रैल 2023 से लागू होने की संभावना है, और 1 जून, 2024 से अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 51 लाख हल्के मोटर वाहन 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं। लगभग 17 लाख मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना 15 साल से अधिक पुराने हैं, गडकरी ने कहा, पुराने वाहनों से फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण होता है। फिटनेस परीक्षण में विफल रहने वाले वाहन या पंजीकरण प्रमाणपत्र का नवीनीकरण करने में विफल रहने पर एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (गैर उपयोगी) घोषित किया जा सकता है।
मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफलता के मामले में वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद अ-पंजीकृत किया जाएगा। मंत्री के अनुसार, फिटनेस प्रमाणपत्र और फिटनेस परीक्षण के लिए बढ़ी हुई फीस प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल बाद लागू हो सकती है। एक अन्य प्रस्ताव यह है कि निजी वाहनों को पंजीकरण प्रमाण पत्र को नवीनीकृत करने में विफल होने या अनफिट पाए जाने पर 20 साल बाद अ-पंजीकृत कर दिया जाए। आरंभिक पंजीकरण की तिथि से 15 वर्ष बाद बढ़ा हुआ पुनः पंजीकरण शुल्क लागू होगा। मीडिया को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि अगले दो वर्षों में लगभग 100 स्क्रैपिंग केंद्रों को चालू किया जाएगा।
[पीटीआई इनपुट के साथ]
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