कनाडा में स्वामीनारायण मंदिर में लिखे गए भारत विरोधी खालिस्तानी नारे, भारतीय दूतावास ने जताया ऐतराज

ओटावा स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे जाने की कड़ी निंदा करते हैं।

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कनाडा में स्वामीनारायण मंदिर में लिखे गए भारत विरोधी खालिस्तानी नारे, भारतीय दूतावास ने जताया ऐतराज
कनाडा में स्वामीनारायण मंदिर में लिखे गए भारत विरोधी खालिस्तानी नारे, भारतीय दूतावास ने जताया ऐतराज

कनाडा में एक और भारत-विरोधी घटना

कनाडा के टोरंटो में स्थित स्‍वामीनारायण मंदिर में भारत विरोधी खालिस्तानी नारे लिखने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के विरोध में नारे लिखने का यह मामला मंगलवार 13 सितंबर का है, जिसको लेकर भारत सरकार की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है। ओटावा स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे जाने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से घटना की जांच करने और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

स्वामीनारायण मंदिर में हुई इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भारत विरोधी और खालिस्तानी नारे लिखे हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि हमारे द्वारा इस वीडियो के सही होने की पुष्टि नहीं की जा रही है। वहीं कनाडाई सांसदों ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इस घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि टोरंटो के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में हुई बर्बरता के बारे में सुनकर बहुत निराशा हुई। इस प्रकार की घृणा का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। आइए आशा करते हैं कि जिम्मेदार अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के लिए लाया जाए।

भारतीय मूल के कनाडाई लिबरल सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि “कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा टोरंटो बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की बर्बरता की सभी को निंदा करनी चाहिए। यह सिर्फ एक अकेली घटना नहीं है। कनाडा के हिंदू मंदिरों को हाल के दिनों में इस प्रकार के घृणा अपराध द्वारा निशाना बनाया गया है। हिंदू कनाडाई वैध रूप से चिंतित हैं।”

ब्रैम्पटन दक्षिण सांसद सोनिया सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं टोरंटो में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में हुई बर्बरता के कृत्य से व्याकुल हूं। हम एक बहुसांस्कृतिक और बहु-विश्वास समुदाय में रहते हैं जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करने का हकदार है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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