जेएनयू की मानसिकता इतनी विषाक्त क्यों है?!
जवाहरलाल नेहरू नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिखे मिले हैं। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो; ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा; शाखा लौट जाओ… जैसी धमकियां लिखी हैं।
जेएनयू की उस महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर भी ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा गया है, जिसे नवंबर 2019 में वामपंथियों ने 3 दिन के लिए हिरासत में रखा था। ये नारे 31 नवंबर की रात को लिखे गए हैं। इस घटना को लेकर अभी तक जेएनयू प्रशासन की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
इन नारों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (एआईएसए) के कम्युनिस्ट छात्रों पर निशाना साधा है। एबीवीपी का कहना है कि वामपंथियों ने खुली सोच वाले प्रोफेसर्स को डराने के लिए उनके चैंबर्स पर धमकियां लिख दी हैं। एबीवीपी ने जेएनयू प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
वहीं, एआईएसए के सदस्य और जेएनयू के पूर्व प्रेसिडेंट एन साईं बालाजी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता एबीवीपी किस बारे में बात कर रही है। हमने ऐसा कुछ नहीं किया है। ये एबीवीपी ने खुद किया होगा।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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