वीजा धोखाधड़ी: भारत के फ्रांसीसी दूतावास से प्रवासन के उच्च जोखिम वाले 64 लोगों की फाइलें ‘गायब’ हो गईं

    प्रवासन के उच्च जोखिम वाले 64 लोगों के शेंगेन वीजा से संबंधित फाइलें फ्रांसीसी दूतावास से "गायब" हो गई हैं!

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    वीजा धोखाधड़ी
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    वीजा धोखाधड़ीः सीबीआई ने फ्रांसीसी दूतावास के दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया

    भारत में फ्रांसीसी दूतावास अब वीजा जारी करने में धोखाधड़ी और वीजा जारी करने के लिए रिश्वत लेने के विवाद का सामना कर रहा है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई का सामना कर रहा है। नई दिल्ली में फ्रांसीसी दूतावास में काम करने वाले भारतीय कर्मचारी इन संदिग्ध गतिविधियों में पकड़े गए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि प्रवासन के उच्च जोखिम वाले 64 लोगों के शेंगेन वीजा से संबंधित फाइलें यहां फ्रांसीसी दूतावास से “गायब” हो गई हैं, जो हाल ही में सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए दो पूर्व कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से की गई एक बड़ी धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि दूतावास के पूर्व अधिकारी शुभम शौकीन और आरती मंडल ने संदिग्ध उम्मीदवारों की फाइलों को मंजूरी देकर कथित तौर पर 50,000 रुपये प्रति वीजा के हिसाब से कुल 32,00,000 रुपये लिए।

    एजेंसी ने कहा कि शौकीन और मंडल ने 1 जनवरी से 6 मई के बीच 484 वीजा फाइलों को संभाला, जिनमें से 64 फाइलें प्रवासन के “उच्च जोखिम” वाले व्यक्तियों से संबंधित थीं, जैसे युवा किसान या पंजाब के बेरोजगार व्यक्ति जिन्होंने पहले कभी यात्रा नहीं की थी और उनके पास शेंगेन वीजा रखने के लिए पात्रता नहीं थी।

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    उन्होंने बताया कि एजेंसी को संदेह है कि मंडल और शौकीन ने वीजा विभाग के दस्तावेजों और फाइलों को कथित रूप से नष्ट कर दिया ताकि इस अवैध गतिविधि का कोई निशान न रह जाए।

    सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली, पटियाला, गुरदासपुर और जम्मू में तलाशी ली थी, जिसके दौरान लैपटॉप, मोबाइल फोन और संदिग्ध पासपोर्ट आदि जैसे दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए थे। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि शौकीन और मंडल, दोनों नई दिल्ली में फ्रांस के दूतावास के वीजा विभाग के पूर्व कर्मचारी हैं, ने इस साल जनवरी से मई तक एक साजिश में वीजा धोखाधड़ी की।

    सीबीआई ने आरोप लगाया है कि प्राथमिकी में दर्ज तीन अन्य आरोपी – जम्मू-कश्मीर के नवजोत सिंह और पंजाब के चेतन शर्मा और सतविंदर सिंह पुरेवाल हैं, पंजाब के दोनों लोगों ने कथित तौर पर मार्सक फ्लीट मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर द्वारा फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास, बेंगलुरु को एमा मर्सक, एडिथ मर्सक, और मुंकेबो मर्सक में शामिल होने के लिए प्रवेश वीजा जारी करने के लिए कथित रूप से लिखे गए नकली और जाली पत्र प्रस्तुत किए थे।

    एक सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा – “आगे आरोप लगाया गया कि उक्त आपराधिक साजिश में, पंजाब और जम्मू के आवेदकों ने फर्जी और जाली पत्र प्रस्तुत किए, जो कथित तौर पर बेंगलुरू स्थित एक निजी कंपनी द्वारा फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास, बेंगलुरु को उनके पोर्ट-ले-हावरे, फ्रांस में निजी कामनियों में शामिल होने के लिए प्रवेश वीजा जारी करने के लिए लिखे गए थे।” सीबीआई ने आरोप लगाया कि शौकीन और मंडल ने दूतावास में वीज़ा विभाग के प्रमुख की जानकारी और अनुमोदन के बिना प्रत्येक को 50,000 रुपये में वीज़ा की सुविधा दी और रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया।

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