तब्लीगी जमात ने कराई थी अमरावती के कैमिस्ट की हत्या; पैगंबर पर कथित टिप्पणी के बाद काटा था गला!

    एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि अमरावती समेत देशभर के लोगों में आतंक पैदा करने के लिए यह सोची समझी साजिश थी।

    0
    227
    तब्लीगी जमात ने कराई थी अमरावती के कैमिस्ट की हत्या
    तब्लीगी जमात ने कराई थी अमरावती के कैमिस्ट की हत्या

    तब्लीगी जमात ने की थी उमेश कोल्हे की हत्या की साजिश

    महाराष्ट्र के अमरावती में कैमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने की थी। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि उमेश की हत्या एक सोची समझी साजिश के तहत की गई थी। तब्लीगी आतंकियों ने उसका गला काटा था, ताकि लोगों के मन में डर पैदा किया जा सके।

    केस की जांच कर रही एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि मर्डर के 11 आरोपी तब्लीगी जमात के इस्लामिक कट्टरपंथी थे। तब्लीगी जमात एक इंटरनेशनल देवबंदी इस्लामिक मिशनरी है, जो इस्लामिक मान्यताओं का सख्ती से पालन करने पर जोर देता है।

    अमरावती के उमेश कोल्हे (54) की 21 जून को काम से लौटते समय तीन हमलावरों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। हमलावर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में उमेश की व्हाट्सऐप पोस्ट से नाराज थे। नूपुर ने टेलीविजन शो में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। हमलावर कोल्हे का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे, लेकिन उनके पीछे आ रहे बेटे-बहू के चिल्लाने पर वे भाग गए थे।

    एनआईए ने पिछले हफ्ते 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसमें दावा किया गया है कि हत्या में शामिल हर व्यक्ति तब्लीगी जमात के जुड़ा था। इस केस के मास्टरमाइंड्स में से एक इरफान खान, जमात और उसके नियमों का सख्त अनुयायी था।

    हत्या का मास्टरमाइंड इरफान रायबर हेल्पलाइन नाम का एक एनजीओ चलाता था और इससे 21 लोग जुड़े हुए थे। हत्याकांड में शामिल दूसरे आरोपी इसी एनजीओ के मेंबर थे। सूत्रों के मुताबिक इस एनजीओ को कुछ खाड़ी देशों और पाकिस्तान से फंडिंग हो रही थी।

    अदालत में बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि यह हत्या का एक साधारण मामला था, लेकिन एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि अमरावती समेत देशभर के लोगों में आतंक पैदा करने के लिए यह सोची समझी साजिश थी।

    21 जून को हुई इस घटना का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। यह रात साढ़े 10 बजे प्रभात चौक पर स्थित महिला महाविद्यालय के बाहर लगे कैमरे में कैद हुआ था। इसमें दो आरोपियों को उमेश कोल्हे के पीछे जाते हुए देखा गया। फिर वारदात के बाद वे भागते हुए भी दिखे।

    शुरुआती जांच में सामने आया है कि हत्यारों को उकसाने में कोल्हे के दोस्त डॉ. यूसुफ का ही हाथ था। यूसुफ भी इस हत्याकांड में आरोपी है। बताया जा रहा है कि कोल्हे की बिजनेस से वह जलता था, जिस वजह से उसने साजिश रची और फेसबुक पोस्ट को जरिया बनाया।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.