1. 2017 में गोरखा आंदोलन के समय बंगाल पुलिस की फ़ाइअरिंग में मारे गए हिंदू= 11
2. दिवाली पर पठाखे चलाने के हाई क्राइम में कलकत्ता में गिरफ़्तार हिंदू= 750
3. CAA के विरुद्ध बंगाल में भाईजान द्वारा जलायी गई रेल सम्पत्ति= पाँच सौ करोड़, ट्रैफ़िक की हानि कई हज़ार करोड़। इसके लिए गिरफ़्तार भाईजान= ज़ीरो
बंगाल में भाईजान अब पैंतीस प्रतिशत हो गए है। वोट बैंक मैनेजर जानते है कि भाईजान को वीटो दे दिया जाय तो पैंतीस प्रतिशत वोट पक्के। इसलिए वोट बैंक मैनेजर सत्ता ही भाईजान को सौंप देते है। स्वयं के पास रह जाता है एक सरकारी बंगला, बॉडीगार्ड, व लूट। लूट जो भाईंजान जानते है कि वो ले ही लेंगे एक दिन।
और ये वीटो भाईजान दंगे में ही प्रयोग नहीं करते। हॉकिंग स्पॉट छीन लेना, ऑटो रूट छीन लेना, हिंदू व्यापारीयो से हफ़्ता वसूलना…… रोज़मर्रा के जीवन में भी भाईजान इसे दुहते है।
ऐसे ठग चुने जाते है तो सरकारी अमला भी लूट की गति दुगनी कर देता है। समाजवादी ये ठग होते ही है। इसीलिए वे रोज़गार जिनके लिए हिंदू ख़ून सूखाकर बच्चे को पढ़ाते है: डॉक्टर, इंजिनयर, MBA, वे भी विलुप्त हो जाते है।
और यह सब संचार के युग में हो रहा है। हमारे पूर्वज इस दहशत में कैसे जीवित रहे? वास्तव में सबसे महान लोग। क्या हम अपनी रगों में खून पर खरा उतरेंगे?
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