आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों पर खींचतान, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनौती देगी सरकार

अमरावती को राजधानी के रूप में बरकरार रखने के लिए किसान एक और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

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आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों पर खींचतान, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनौती देगी सरकार
आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों पर खींचतान, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनौती देगी सरकार

आंध्र प्रदेश की राजधानियों को लेकर घमासान

आंध्र प्रदेश की 3 राजधानियों को लेकर राज्य की जगनमोहन रेड्डी सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने की योजना बना रही है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अमरावती को ही राज्य की एकमात्र राजधानी के रूप में विकसित करने का आदेश दिया है। राज्य के महाधिवक्ता सुब्रमण्यम श्रीराम ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार राज्य के हाईकोर्ट के 3 मार्च के उस फैसले को चुनौती देने की योजना बना रही है, जिसमें अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया गया है। सरकार अपनी संशोधित योजना के तहत आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनानी चाहती है। इस बीच अमरावती को राजधानी के रूप में बरकरार रखने के लिए किसान एक और आंदोलन की तैयारी कर रहा है।

मीडिया की खबर के मुताबिक राज्य के महाधिवक्ता सुब्रह्मण्यम श्रीराम ने 23 अगस्त को अमरावती में काम की प्रगति पर हाईकोर्ट को स्थिति रिपोर्ट सौंपते हुए कहा, “राज्य सरकार हाईकोर्ट के 3 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका दायर करने पर विचार कर रही थी। इसके अलावा सरकार वैकल्पिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका भी दायर कर सकती है।” उन्होंने कहा कि सरकार को हाईकोर्ट में हलफनामा दायर करने की सलाह दी गई है कि जिसमें छह महीने के भीतर अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने के हाई कोर्ट को अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई थी। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अमरावती के कुछ किसानों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। इसपर जल्द ही सुनवाई की उम्मीद है।

इस बीच हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी वी एस एस सोम्याजुलु और न्यायमूर्ति सी मानवेंद्रनाथ रॉय की पीठ ने कहा कि 3 मार्च के फैसले को लागू नहीं करने के लिए सरकार के खिलाफ अप्रैल में किसानों द्वारा दायर अवमानना ​​​​याचिका पर सुनवाई से पहले उच्च न्यायालय कुछ समय इंतजार करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। हाईकोर्ट ने 3 मार्च को अपने आदेश में निर्देश दिया था कि राज्य सरकार को छह महीने के भीतर अमरावती को राजधानी शहर के रूप में विकसित करना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार राजधानी बनाने के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों से संबंधित पुनर्गठित भूखंडों को तीन महीने के अंदर विकसित करे। इसमें संपर्क सड़क, पेयजल, प्रत्येक भूखंड के लिए बिजली कनेक्शन, जल निकासी आदि प्रदान होना चाहिए।

इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अमरावती राजधानी शहर के मास्टर प्लान को छह महीने में पूरा करने का निर्देश दिया था। सरकार को राज्य की राजधानी के विकास के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए अमरावती में भूमि को अलग नहीं करने के लिए भी कहा गया। इसने यह भी साफ किया कि विधानसभा को राज्यों की राजधानियों पर कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 2019 में सत्ता में आने के बाद अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने की योजना छोड़ दी थी और राजधानी को अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल के बीच विभाजित करने का फैसला किया था।

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