आरबीआई ने लगातार छठी बार बढ़ाया रेपो रेट, लोन हो जायेंगे और महंगे!

    आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।

    0
    251
    आरबीआई ने लगातार छठी बार बढ़ाया रेपो रेट, लोन हो जायेंगे और महंगे!
    आरबीआई ने लगातार छठी बार बढ़ाया रेपो रेट, लोन हो जायेंगे और महंगे!

    आरबीआई ने फिर बढ़ाया रेपो रेट

    आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति समिति की बैठक खत्म हो गई है। इसके बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। जिसके बाद प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू हुई। आज यानी बुधवार को इस बैठक के नतीजे की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।”

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह वृद्धि पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी और थोक महंगाई दर 5.95 फीसदी थी, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी के दायरे में है।

    केंद्रीय बैंक के इस कदम से अब आपके लोन महंगे होने वाले हैं। इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। रेपो रेट वह दर है, जिसपर आरबीआई (आरबीआई) बैंकों को लोन देता है। इसलिए अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है। जबकि इसके विपरीत रेपो रेट में कटौती से लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है।

    आपको बता दें कि आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है। इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई पर काबू पाने के लिए दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। वहीं, रेपो रेट में सितंबर 2022 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया गया था।

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद कहा कि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी पर रहने की उम्‍मीद है। वहीं, चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

    केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी होने की संभवना है। वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 5.9% से बढ़ाकर 6.2% कर दिया है।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.