नो मनी फॉर टेरर: अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करने वाले पाकिस्तान को पीएम ने इशारों में घेरा!

    सम्मेलन में दुनिया के 72 देशों व छह संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।

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    आतंक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
    आतंक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

    आतंक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

    आतंक की फंडिंग के खिलाफ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। मोदी ने कहा कि यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। सम्मेलन में दुनिया के 72 देशों व छह संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।

    मोदी ने कहा कि हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं, लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया।

    मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है, चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता।

    पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर निशाना भी साधा। मोदी ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है। यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

    आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए। हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए। दो दिन के सम्मेलन में कुल चार सत्र होंगे। इसमें आतंकी फंडिंग के औपचारिक व अनौपचारिक सभी तरीकों पर चर्चा होगी। वहीं, शनिवार को आतंकी फंडिंग के लिए नई तकनीक और रास्तों के इस्तेमाल पर चर्चा होगी।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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