दिल्ली में एलजी बनाम केजरीवाल का अंत नजर नहीं आ रहा
दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल के बीच टकराव एक बार फिर सामने आ रहा है। एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी सरकार के थिंक थैंक माने जाने वाले डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली (डीडीसीडी) के वाइस चेयरपर्सन जैस्मीन शाह को बर्खास्त कर दिया है। शाह पर आरोप था कि वे सरकारी ऑफिस का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद के लिए कर रहे थे।
डीडीसी दिल्ली सरकार के लिए ठीक उसी तरह काम करता है, जैसा भारत सरकार के लिए नीति आयोग। यानी यह नीति बनाने और उन्हें लागू करने का काम करता है।
एलजी ने गुरुवार शाम को जारी आदेश में शाह को अपना ऑफिस इस्तेमाल करने से रोक दिया। दिल्ली सरकार के प्लानिंग डिपार्टमेंट के आदेश पर सिविल लाइंस एसडीएम ने देर रात डीडीसीडी ऑफिस को सील कर दिया। उनसे सरकारी गाड़ी समेत बाकी सुविधाएं भी प्रभाव से वापस ले ली गई हैं। उनके खिलाफ भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी।
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने जैस्मीन शाह पर सरकारी पद पर रहते हुए आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर काम करने और ऑफिस का दुरुपयोग की शिकायत की थी। इसके बाद उपराज्यपाल ने शाह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उनकी बर्खास्तगी का आदेश इसके एक महीने बाद जारी किया गया है।
एलजी सेक्रेट्रिएट को दिल्ली सरकार के बीएसईएस डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी में अनियमितताओं को लेकर एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि जैस्मीन शाह और आप के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता ने बड़ा घोटाला किया है।
यह भी आरोप थे कि केजरीवाल सरकार ने अनिल अंबानी ग्रुप के निजी डिस्कॉम, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवायपीएल) के निदेशक नियुक्त किए थे। इन निजी डिस्कॉम में दिल्ली सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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