आयकर विभाग ने और समय मांगा, अनिल अंबानी को फिर मिली टैक्स चोरी मामले में राहत
बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपने पहले के आदेश को 19 दिसंबर तक बढ़ा दिया, जिसमें आयकर विभाग को कर्ज में डूबे रिलायंस एडीएजी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था। आयकर विभाग ने अनिल अंबानी को दो स्विस बैंक खातों में रखे 814 करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित धन के लिए 420 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए काला धन अधिनियम के तहत पकड़ा था। आयकर विभाग ने अंबानी को काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया।
नोटिस को चुनौती देने वाली अंबानी की याचिका के जवाब में आयकर विभाग द्वारा अपना हलफनामा दायर करने के लिए और समय मांगे जाने के बाद जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और एसजी डिगे की खंडपीठ ने इस आदेश को बढ़ा दिया था। याचिका जब 26 सितंबर को पहली बार सुनवाई के लिए आई तो उच्च न्यायालय ने कर विभाग को अपना हलफनामा दायर करने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया था और तब तक अंबानी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने को कहा था। गुरुवार को विभाग ने और समय मांगा, जिसके बाद पीठ ने मामले को 19 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि उसका पहले का आदेश (कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं) तब तक जारी रहेगा।
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आयकर विभाग के नोटिस के अनुसार, अनिल अंबानी बहामास स्थित इकाई ‘डायमंड ट्रस्ट‘ और नॉर्दर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) नामक एक अन्य कंपनी के “आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभकारी मालिक” थे, जिसे ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में बनाया गया था।
विभाग ने आरोप लगाया कि अंबानी अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग में इन विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने में विफल रहे और इसलिए, 2015 के काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया।
कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित धन का कुल मूल्य 8,14,27,95,784 रुपये (814 करोड़ रुपये) आंका है और इस राशि पर देय कर 4,20,29,04,040 रुपये (420 करोड़ रुपये) है। आयकर विभाग ने 8 अगस्त, 2022 को दो स्विस बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित धन पर करों में 420 करोड़ रुपये की चोरी के लिए अंबानी को नोटिस जारी किया था। अंबानी ने अपनी याचिका में दावा किया कि काला धन अधिनियम 2015 में लागू किया गया था और लेनदेन आकलन वर्ष 2006-2007 और 2010-2011 के हैं।
विभाग के नोटिस के अनुसार, अंबानी पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) 2015 के कर अधिनियम की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। विभाग ने अंबानी (63) पर “जानबूझकर” चोरी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने “जानबूझकर” भारतीय कर अधिकारियों को अपने विदेशी बैंक खाते के विवरण और वित्तीय हितों का खुलासा नहीं किया।
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