कनाडा में आपातकाल
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कोविड वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता के खिलाफ कनाडा की राजधानी ओटावा में लोगों का विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर जारी है। इसको देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बड़ा फैसला लिया है। पीएम ने देशव्यापी विरोध से निपटने के लिए आपातकालीन अधिनियम को लागू किया है।
कनाडा में ट्रक ड्राइवरों के भारी प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कहा कि वे इन प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए आपात स्थिति अधिनियम लागू करने जा रहे हैं। इस अधिनियम का इस्तेमाल देश में संकट के समय में किया जाता है। पार्लियामेंट हिल पर एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रूडो ने कहा – ‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की कानून प्रवर्तन की क्षमता के लिए काफी गंभीर चुनौतियां उत्पन्न हो गईं हैं।’
ट्रूडो ने कहा – ‘नाकेबंदी हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। हम अवैध और खतरनाक गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते हैं और न ही देंगे। सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आपातकालीन अधिनियम के प्रभाव में आने से पुलिस को उन जगहों पर व्यवस्था बहाल करने के लिए और ज्यादा अधिकार मिलते हैं, जहां लोगों द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाता है और खतरनाक गतिविधियां जैसे कि नाकाबंदी होती है।
ट्रूडो ने कहा कि यह अधिनियम आरसीएमपी को नगरपालिका उपनियमों और प्रांतीय अपराधों को लागू करने में सक्षम करेगा। उन्होंने कहा – ‘यह कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने, लोगों की नौकरियों की रक्षा करने और हमारे संस्थानों में विश्वास की बहाली करने के लिए एक जरूरी कदम है। बता दें, वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता के खिलाफ ओटावा में हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में प्रदर्शनकारियों ने ‘पार्लियामेंट हिल’ के आस-पास जानबूझकर यातायात को बाधित किया था। कुछ प्रदर्शनकारियों ने ‘नेशनल वार मेमोरियल‘ में पेशाब तक कर दिया और वाहन खड़े किए। एक व्यक्ति ने ‘टूम ऑफ द अननोन सोल्जर‘ पर खड़े होकर डांस भी किया था।
वैश्विक महामारी से निपटने संबंधी आदेशों को लेकर कनाडा में हुए अब तक के सबसे बड़े प्रदर्शनों के बाद देश में प्रदर्शनकारियों को अन्य लोगों की सहानुभूति नहीं मिली। कनाडा में 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है। प्रदर्शनकारियों के अभद्र व्यवहार से कई लोग नाराज हो गए। हालांकि कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि इस विरोध के लिए लगभग आधी धनराशि अमेरिकी समर्थकों से आई है।