मनीष सिसोदिया पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया!

सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व 15 अन्य लोगों पर मामला दर्ज कर दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में अनियमितताओं के लिए आरोपी बनाया है और इसमें डिप्टी सीएम का नाम प्रमुख आरोपियों की सूची में पहले नंबर पर है।

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मनीष सिसोदिया पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया!
मनीष सिसोदिया पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया!

मनीष सिसोदिया अब ईडी के शिकंजे में

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। ‌मनीष सिसोदिया के साथ ही ईडी ने मामले में कई अन्य को भी आरोपी बनाया है। गौरतलब है कि सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व 15 अन्य लोगों पर मामला दर्ज कर दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में अनियमितताओं के लिए आरोपी बनाया है और इसमें डिप्टी सीएम का नाम प्रमुख आरोपियों की सूची में पहले नंबर पर है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर छापे के बाद सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में पहले नंबर पर आरोपी उन्हें बनाया गया था। इसके बाद आईएएस आरव गोपी कृष्‍ण आरोपी हैं। एफआईआर में कुल 16 लोगों के साथ ही एक कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 31 स्थानों पर ईडी ने शुक्रवार को छापा मारा था।

सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर आबकारी पॉलिसी फॉर्मेशन और एक्जीक्यूशन में सरकारी नियमों का उल्लघंन का आरोप है। साथ ही एलजी की इजाजत के बिना शराब उत्पादकों को फायदा पहुंचाने, शराब विक्रेताओं के ईएमडी वापस करने और एल1,एल7 लाइसेंस देने की प्रक्रिया में घोटाले का आरोप भी है। इसके साथ ही केन बीयर पॉलिसी में भी गड़बड़ी के आरोप हैं।

उल्लेखनीय है कि एलजी वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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