कोविड वैक्सीन कोवोवैक्स और कोर्बवैक्स को मिली मंजूरी
देश में हर दिन बढ़ते नए कोविड मामलों के बीच एक विशेषज्ञ समिति ने आपातकालीन स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए दो नए टीकों और एक एंटी-वायरल दवा को मंजूरी दी है। ये जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने दी। सीडीएससीओ ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित कोवोवैक्स और कोर्बवैक्स जिसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है जबकि एक एंटी-वायरल दवा मोलनुपिराविर को स्वीकृति दे दी है।
कोवोवैक्स, नैनोपार्टिकल वैक्सीन, को इस महीने की शुरूआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि प्रभावकारिता, गुणवत्ता, सुरक्षा, एक जोखिम प्रबंधन योजना के आंकड़ों के आधार पर आपातकालीन उपयोग सूची के तहत वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा। कोवोवैक्स भी कोवैक्स सुविधा का एक हिस्सा है। इस बीच, कोर्बवैक्स वैक्सीन भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।
इस अवसर पर राष्ट्र को बधाई देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को ट्वीट किया, “सीडीएससीओ ने कोरोना के खिलाफ जंग में दो नई वैक्सीन और एक दवा को मंजूरी दी है। दो नई वैक्सीन कोर्बवैक्स और कोवोवैक्स को मंजूरी दी गई है जबकि एंटी वायरल ड्रग मोलनुपिराविर को भी स्वीकृति मिल गई है। मोलनुपिराविर एक एंटी वायरल ड्रग है। इसके सीमित इस्तेमाल को आपाताकालीन मंजूरी दी गई है।”
कोर्बवैक्स के बारे में मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह एक हैट्रिक है! क्योंकि अब यह भारत में विकसित होने वाला तीसरा कोरोना टीका है।’
मोलनुपिराविर को देश में 13 कंपनियाँ बनाएंगी। इसके सीमित इस्तेमाल को आपातकालीन मंजूरी दी गई है। इसे कोरोना संक्रमित उन व्यस्क मरीजों को दिया जाएगा, जिनमें जोखिम बढ़ने का खतरा ज्यादा है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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