अरुण जेटली के वित्त मंत्रालय ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम के सह-आरोपी पांच अधिकारियों के अभियोजन की मंजूरी को दोबारा अवरुद्ध किया

अरुण जेटली को चिदंबरम की सहायता करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी अवरुद्ध करने का क्या कारण है? वह किस बात से डरते हैं?

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अरुण जेटली को चिदंबरम की सहायता करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी अवरुद्ध करने का क्या कारण है? वह किस बात से डरते हैं?
अरुण जेटली को चिदंबरम की सहायता करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी अवरुद्ध करने का क्या कारण है? वह किस बात से डरते हैं?

वित्त मंत्री अरुण जेटली फिर से अपने करीबी दोस्त और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बचाने के लिए दोहरे काम कर रहे हैं। एयरसेल-मैक्सिस मामले में पांच अधिकारियों के अभियोजन के लिए मंजूरी में एक बार फिर देरी हो गई है। इसने मामले में मुख्य आरोपी चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा को और मामले को 11 जनवरी 2019 तक टाल दिया है।

26 नवंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मुख्य आरोपी पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के खिलाफ अभियोजन (एसपी) के लिए मंजूरी लेकर अदालत में इज्जत बचाने में सक्षम रहा। सीबीआई ने वादा किया कि अगली सुनवाई 18 दिसंबर में, वे निम्नलिखित पांच अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन हेतु मंजूरी मुहैया कराएंगे, जो एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) को अवैध रूप से एयरसेल को हथियाने हेतु मलेशियाई फर्म मैक्सिस को मंजूरी देने में चिदंबरम के साथ सह आरोपी हैं।

1. अशोक झा, पूर्व वित्त सचिव

2. अशोक चावला, पूर्व वित्त सचिव

3. कुमार संजय कृष्णन आईएएस, वर्तमान में असम कैडर में

4. दीपक कुमार सिंह आईएएस, वर्तमान में बिहार कैडर में

5. राम सरन, एफआईपीबी में सेवानिवृत्त अंडर सेक्रेटरी

19 जुलाई को आरोप-पत्र दाखिल करने से पहले, सीबीआई ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में कार्मिक विभाग के माध्यम से वित्त मंत्रालय को अभियोजन के लिए मंजूरी के लिए अनुरोध दायर किया था। एजेंसी का अनुरोध अभी भी वित्त मंत्रालय के पास लंबित है। यह देखना आसान है कि अरुण जेटली अपने करीबी दोस्त चिदंबरम की रक्षा कर रहे हैं।

क्या चिदंबरम अरुण जेटली को ब्लैकमेल कर रहे हैं? चिदंबरम, जेटली के बेटे रोहन, बेटी सोनाली और उनके पति जयेश बक्षी द्वारा संपत्ति के अवैध संग्रहण को सार्वजनिक करके जेटली को बेनकाब करने की धमकी दे रहे हैं, जो सम्पत्ति तथाकथित कानूनी रखरखाव शुल्क के नाम पर कॉरपोरेट्स से कमाई गयी हैं। इस पहलू पर संदेह करने के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।[1]

सह-आरोपी पांच अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन  के लिए मंजूरी देने में जेटली की कोताही के पीछे जो भी कारण है, अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी उसे फटकारे एवँ उनके सरकार को दिए गए जनादेश के विरुद्ध काम करने के लिए बर्खास्त करने का आदेश दें।

संदर्भ:

[1] एयरसेल-मैक्सिस मामले में अभियोजन हेतु स्वीकृति: क्या आरोपी चिदंबरम वित्त मंत्री अरुण जेटली को धमका रहे हैं?  Nov 17, 2018, PGurus.com

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