चीन के जासूसी जहाज से नाराज भारत का श्रीलंका को संदेश !

जासूसी जहाज की अनुमति के खिलाफ भारत सख्त टिप्पणी और कार्रवाई के जरिए नही बल्कि सॉफ्ट अंदाज में कूटनीतिक तरीके से श्रीलंका को संदेश देना शुरू कर दिया है।

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चीन के जासूसी जहाज से नाराज भारत का श्रीलंका को संदेश !
चीन के जासूसी जहाज से नाराज भारत का श्रीलंका को संदेश !

चीन के कदम से भारत श्रीलंका संबंधों का बिगड़ना तय!

आर्थिक संकट की मार झेल रहे श्रीलंका ने भारत की चिंताओं को दरकिनार करते हुए चीन के जासूसी जहाज को अपने यहां रुकने की अनुमति दे दी है। भारत ने श्रीलंका को ऐसा करने से मना किया था लेकिन उसने एक भी नहीं सुनी। अब चीन के जासूसी जहाज को श्रीलंका की तरफ से अनुमति मिलने के बाद भारत की तरफ से श्रीलंका को संदेश देने की शुरुआत हो गई है। जासूसी जहाज की अनुमति के खिलाफ भारत सख्त टिप्पणी और कार्रवाई के जरिए नही बल्कि सॉफ्ट अंदाज में कूटनीतिक तरीके से श्रीलंका को संदेश देना शुरू कर दिया है।

भारत की आपत्तियों के बाद चीन के जासूसी जहाज को श्रीलंका की तरफ से अनुमति मिलने के बाद भारत की तरफ से पड़ोसी देश श्रीलंका को संकेत और संदेश देने की शुरुआत हो गई है। भारत ने श्रीलंका में सुरक्षा की वजह से भारतीय पर्यटकों को यात्रा करने से पहले और यात्रा के दौरान सुरक्षा और बाकी चीजों से जुड़े पूरी एहतियात बरतने की सलाह दे दी है।

बुरी तरह से आर्थिक संकट से जूझ रहा पड़ोसी देश पर्यटन के जरिए भी चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बीच श्रीलंका की हरकत ने भारत को नाराज किया और अब भारत ने पर्यटकों को हिदायत देकर उसे भले ही सख्त संदेश न दिया हो लेकिन यह एक सॉफ्ट मैसेज जरूर है।

भारत से श्रीलंका जाने वाले पर्यटकों से होने वाली कमाई श्रीलंका के पर्यटन का एक बड़ा हिस्सा है। ऐसे में भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से श्रीलंका जाने वाले भारतीय पर्यटकों को हिदायत देना श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है। वहीं दूसरी तरफ जासूसी जहाज से जुड़े मुद्दे पर भारतीय उच्चायोग ने चीनी राजदूत को भी फटकार लगाई है।

भारतीय उच्चायोग ने चीनी राजदूत को लताड़ लगाते हुए कहा था कि बुनियादी राजनयिक शिष्टाचार का उल्लंघन एक उनकी व्यक्तिगत विशेषता हो सकती है या फिर ये एक बड़े राष्ट्रीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। श्रीलंका के उत्तरी पड़ोसी के बारे में उनका दृष्टिकोण उनके अपने देश के व्यवहार से मिलता जुलता हो सकता है।

विदेश मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग के बयान से साफ है कि भारत पर श्रीलंका की तरफ से चीन के जासूसी जहाज को अनुमति देना नागवार गुजरा है और अगर श्रीलंका को सॉफ्ट संदेश से सबक नहीं मिला तो सख्त संदेश देने से भी भारत नहीं चूकेगा।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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