एमजी मोटर्स पर वित्तीय अनियमित्तओं का आरोप
ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी मॉरिस गैराज मोटर्स के लिए बुरी खबर है। सरकार ने एमजी मोटर्स के खिलाफ वित्तीय अनियमित्तओं को लेकर जांच शुरू की है और इसके संबंध में एक नोटिस भी कॉर्पोरेट मंत्रालय की तरफ से कंपनी के डायरेक्ट, मैनेजिंग डायरेक्टर और ऑडिटर को दिया गया है। साथ ही मंत्रालय ने नोटिस भेज कर इन तीनों के साथ ही कंपनी के अन्य उच्चाधिकारियों को भी मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए दिसंबर में तलब किया है।
आरोप है कि कंपनी ने संदिग्ध कंपनियों व लोगों से लेन देन किया है, कथित तौर पर कर की चोरी की है और कम व ज्यादा वैल्यू के बिल बना कर गुमराह करने की कोशिश भी की है। इसके साथ ही कुछ अन्य आरोप भी हैं। कंपनी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि मंत्रालय की तरफ से उन्हें एक नोटिस मिला है।
वहीं कंपनी का कहना है कि नोटिस मिलने के साथ ही स्पष्टीकरण देने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया है। नोटिस में पूछा गया है कि कंपनी ने 2019-20 में कारोबार के पहले ही साल घाटा क्यों दिखाया गया है। कंपनी का कहना है कि हम सरकार का सहयोग हमेशा करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। स्पष्टीकरण के लिए जो समय दिया गया है उसी के अंदर कंपनी रजिस्ट्रार को रिकॉर्ड व अन्य जानकारियां प्रदान कर दी जाएंगी।
कंपनी के अनुसार किसी भी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए किसी देश में कारोबार शुरू करने के पहले ही साल फायदा होनो संभव नहीं है। भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा कंपीटीशन है और यहां पर ज्यादा पैसा लगाने व मुनाफे के लिए लंबा इंतजार करने के चलते नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसा पहले भी कई कंपनियों के साथ हुआ है।
इससे पहले भी जियोमी, जेडटीई कॉर्प, ओप्पो और वीवो जैसी चीनी कंपनियों के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ताओं समेत अन्य मामलों में जांच हुई है। वहीं केंद्र सरकार ने 300 से ज्यादा चीनी मोबाइल एप पर भी प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें अलीबाबा और बाइडांस जैसी कंपनियां भी थी।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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