अन्नुचेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया: प्रधान मंत्री मोदी

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है

0
1074
Fwd: अन्नुचेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया: प्रधान मंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने गुरुवार रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अन्नुचेद 370 और 35 ए के टूटने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है

उन्होंने कहा, एक ऐसी व्यवस्था जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे। जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है।

उन्होंने कहा- 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया।

इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।

इसकी वजह से पिछले तीन दशक में लगभग 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए। ये आंकड़ा किसी की भी आंख में आंसू ला देता है।

एक और घोषणा करते हुए अपने भाषण में मोदी ने कहा, “हम चाहते हैं जम्मू-कश्मीर की सरकार बने, नए तेजस्वी विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि बहुत ही ईमानदारी और पारदर्शी वातावरण में आपको अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा”।

कश्मीर के भाइयों-बहनों को एक महत्वपूर्ण बात स्पष्ट करना चाहता हूं। आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा चुनाव जाएगा, आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे, वैसे भी आएगे ही होंगे। जैसी मंत्रिपरिषद और सीएम होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे। पूरा विश्वास है कि इस नई व्यवस्था के तहत हम सब मिलकर आतंकवाद, अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे।

उन्होंने कहा- धरती के स्वर्ग कश्मीर में हर हक मिलेगा। जब ऐसा वक्त आएगा, तो मैं नहीं मानता कि केंद्र शासित व्यवस्था जम्मू-कश्मीर के अंदर चलाए रखने की जरूरत पड़ेगी। हां, लद्दाख में वह बनी रहेगी।

मोदी ने कहा- जो सपना पटेल का था, अंबेडकर का था, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलजी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो सपना अब पूरा हुआ है।

उन्होंने 39 मिनट लम्बे भाषण में कहा, ” देश में सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं। मैं कश्मीर, लद्दाख के लोगों और हर देशवासी को हृदय से बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा- अन्नुचेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी।

हैरानी की बात ये है कि आप किसी से भी बात करें तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ।

मोदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विकास उस गति से नहीं हो पाया जिसका वह हकदार था।

व्यवस्था की यह कमी दूर होने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का वर्तमान तो सुधरेगा ही, उनका भविष्य भी सुधरेगा।

मोदी ने कहा जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था, उसके लाभ से जम्मू-कश्मीर के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे।

केंद्र अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। इसके पीछे की वजह समझना जरूरी है।

गवर्नर रूल लगने के साथ ही वहां का प्रशासन केंद्र सरकार के संपर्क में है। इसी वजह से वहां गुड गवर्नेंस और डेवलपमेंट का बेहतर प्रभाव जमीन पर दिखाई देने लगा है। जो योजनाएं पहले सिर्फ कागजों में रह गई थीं, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है।

उन्होंने कहा- देश के अन्य राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चे इनसे वंचित थे। क्या गुनाह है उन बच्चों का।

बेटियों को जो सारे हक मिलते हैं, वो सारे हक जम्मू-कश्मीर में नहीं मिलते।

देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी लागू है, लेकिन वहां के कर्मचारी इससे वंचित थे।

दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए देशभर में सख्त कानून हैं, लेकिन कश्मीर में ऐसा नहीं था।

अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए देशभर में माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था।

मजदूरों के लिए मिनिमम वेजेज एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में काम करने वालों को केवल कागजों में ही लटका मिलता था। चुनाव के वक्त एससी-एसटी को आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था।

मोदी ने कहा- आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद उसके नकारात्मक परिणामों से भी जम्मू-कश्मीर जल्द बाहर निकलेगा।

नई सरकार में यह प्राथमिकता रहेगी कि कर्मचारियों को सभी सुविधाएं मिलें, जो केंद्र शासित प्रदेशों में मिलती हैं। हेल्थ स्कीम, रेंट अलाउंस, बच्चों की शिक्षा के लिए अलाउंस यह सब मिले। यह अभी तक कश्मीर के कर्मचारियों को नहीं मिलती हैं। ऐसी सुविधाओं का तत्काल रिव्यू कराकर पुलिस और कर्मचारियों और उनके परिजनों को ये सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

जल्दी ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने कहा- सेना और अर्ध सैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवकों की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार किया जाएगा, ताकि ज्यादातर युवकों को इसका लाभ मिल सके। राजस्व घाटा भी बहुत ज्यादा है। केंद्र निश्चित करेगा कि इसके प्रभाव को कम किया जाए।

उन्होंने कहा- मुझे विश्वास है कि अलगाववाद को खत्म करके हम नई आशा, ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे।

मोदी ने कहा- मैं हर देशवासी को यह भी कहना चाहता हूं कि कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता सबकी चिंता है।

यह 130 करोड़ नागरिकों की चिंता है। उनके सुख-दुख उनकी तकलीफ से हम अलग नहीं है, अलग नहीं हो सकते। 370 से मुक्ति एक सच्चाई है। लेकिन, सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाने की जरूरत थी। उनके कारण जो भी परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वहीं के लोग कर रहे हैं, वे भी सहयोग दे रहे हैं। कुछ मुट्ठीभर लोग जो हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें धैर्यपूर्वक जवाब भी वहीं के भाई-बहन दे रहे हैं।

 

ध्यान दें:
1. यहां व्यक्त विचार लेखक के हैं और पी गुरुस के विचारों का जरूरी प्रतिनिधित्व या प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.