उत्तराखंड की नर्सें धरने पर बैठीं, कर रहीं सरकार का विरोध
उत्तराखंड में देहरादून और नैनीताल के बाद अब सीमांत जिले पिथौरागढ़ की स्टाफ नर्सों ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर जल्द ही हड़ताल पर जाने की बात कही है। दरअसल प्रदेश में लंबे समय से स्टाफ नर्सों की भर्ती न होने पर संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्स खफा हैं। उनका कहना है कि 10 साल के लंबे इंतजार के बाद राज्य में स्टाफ नर्स पद पर भर्ती प्रकिया शुरू हुई, लेकिन दो साल से भर्ती प्रकिया अधर में लटकी हुई है।
रामलीला मैदान में धरने पर बैठीं स्टाफ नर्सों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि 10 साल के इंतजार के बाद 2020 में विज्ञप्ति निकली, लेकिन अभी तक भर्ती प्रकिया पूरी नहीं हो सकी है। साथ ही उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में हुए बदलाव के खिलाफ भी आवाज उठाई है।
प्रदर्शन कर रहीं स्टाफ नर्सों ने पूर्व की भांति सिनियोरिटी यानी ज्वाइन करने के वर्ष के आधार पर ही स्टाफ नर्सों की भर्ती करने की मांग की है। उन्होंने जल्द मांगें पूरी न होने पर समस्त जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर जाने की बात भी कही है।
पिथौरागढ़ जिले में स्टाफ नर्सों के पद भी रिक्त हैं। एनआरएचएम के तहत यहां स्टाफ नर्स की नियुक्ति संविदा और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गई है। जिले के तमाम सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं यहां तैनात नर्सों पर भी टिकी हैं। नर्सों के हड़ताल पर जाने के फैसले के बाद जिले का स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट हो गया है।
पिथौरागढ़ के मुख्य चिकित्साधिकारी एचएस ह्यांकी ने बताया कि जिले में तैनात नर्सों ने ज्ञापन में बताया है कि उनकी मांगें पूरी न होने पर वे कार्य बहिष्कार करेंगी, जिनकी मांगें शासन स्तर से ही पूरी होनी हैं। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए विकल्प तैयार किए जा रहे हैं।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
- भारत दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश; टॉप 20 प्रदूषित शहरों में 19 एशिया के! - March 14, 2023
- मध्यप्रदेश की नयी आबकारी नीति पर बोले शिवराज, “नैतिक प्रतिबंध लगाया” - March 12, 2023
- जम्मू-कश्मीर में बिजली बिल नहीं भरने पर हुई कार्रवाई; गुलाम नबी आजाद और भाजपा नेताओं के घरों की बत्ती गुल! - March 12, 2023