दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी जारी; मनीष सिसोदिया का एलजी को पत्र

    एलजी सरकार के दैनिक कार्यों में दखलअंदाज़ी कर रहे हैं। एलजी मंत्रियों को साइड करके सीधे अफ़सरों को आदेश दे रहे

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    दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी जारी; मनीष सिसोदिया का एलजी को पत्र
    दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी जारी; मनीष सिसोदिया का एलजी को पत्र

    दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी वीके सक्सेना की कार्यप्रणाली को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना बताया

    दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखी है। पत्र में उन्होंने कहा है कि, एलजी साहब सरकार के रोजमर्रा के कामों में दखलअंदाज़ी कर रहे हैं। एलजी मंत्रियों को साइड करके सीधे अफ़सरों को आदेश दे रहे हैं। यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है।’

    गौरतलब है कि तीन दिन पहले एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए थे। एलजी के आदेश पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि ‘एलजी को ये पॉवर नहीं हैं’। साथ ही उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस शासित राज्यों के दिल्ली में छपे विज्ञापन भी दिखाए थे। सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि बीजेपी ने एलजी साहब से नया लव लेटर सीएम को भिजवाया है। जैसे-जैसे वैलेंटाइन डे नज़दीक आएगा… लव लेटर की संख्या बढ़ेगी। बीजेपी का सीधा झगड़ा अब दिल्ली के लोगों से है। मोहल्ला क्लिनिक में सैलरी का बजट रोका गया, पेंशन रोकी गई, अस्पताल में दवाइयों का बजट रोका गया। बीजेपी अब यहां की जनता को चुनावी हार के लिए दंडित कर रही है।

    ‘आप’ नेता ने कहा कि कई साल पुराना विज्ञापन का ठंडे बस्ते का मामला बाहर निकाला गया। ऐसे आदेश के लिए एलजी के पास कोई पॉवर नहीं है। बीजेपी कह रही है कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन दिल्ली से बाहर क्यों छप रहे हैं। पिछले एक महीने के अख़बार निकलवाए हैं। बीजेपी का कोई ऐसा राज्य नहीं है जिसका कोई विज्ञापन दिल्ली में नहीं छपा हो। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के अख़बार में छपे बीजेपी शासित राज्यों के विज्ञापन दिखाते हुए कहा कि ‘बीजेपी वाले राज्यों में विज्ञापन पर खर्च 22,000 करोड़ रुपये…बीजेपी राज्य सरकार को दे, तो हम भी 97 करोड़ दे देंगे।’

    दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि आम आदमी पार्टी ने जो राजनीतिक विज्ञापन सरकारी विज्ञापन के तौर पर दिए उसके लिए 97 करोड़ रुपये चुकाए। एलजी के निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और 2016 के सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है, जिसका ‘आप’ सरकार पर उल्लंघन का आरोप है।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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