चीन में जन-आक्रोश अब जग जाहिर हो चुका है। जिनपिंग की तानाशाही से स्वतंत्र होने की मांग!
चीन आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है। ऐसे में चीन में पांच साल में एक बार होने वाली हो रही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की कांग्रेस की अहम बैठक हो रही है। सरकार से लेकर पार्टी स्तर पर इस बैठक की तैयारियाँ जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुना जा सकता है और इसके बाद जिनपिंग का जीवन भर के लिए चीनी शासन प्रमुख बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा। पर इस अहम बैठक से पहले शी जिनपिंग को जमकर विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है और ये विरोध अब सड़क तक पर भी आ गया है। चीन की राजधानी बीजिंग में एक व्यस्त चौराहे पर बैनर लगा कर कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व की सख्त आलोचना की गई है…इस पोस्टर में चीन में लागू कड़े सुरक्षा उपायों और कोविड प्रतिबंध लागू किए जाने पर ऑनलाइन गुस्सा फूट पड़ा है।
चीन में सीसीटीवी की निगरानी के सख्त दौर में इस तरह का विरोध प्रदर्शन एक बहुत हिम्मत की बात मानी जा रही है। ऐसे समय में जब पार्टी की ऐतिहासिक बैठक होने जा रही है और निगरानी तथा सुरक्षा बढ़ा दी गई है, इस तरह का पोस्टर पुलिस-प्रशासन की बिना जानकारी लगा दिया जाना सिर्फ संयोग नहीं माना जा रहा। कहा जा रहा है कि इसमें कहीं न कहीं अंदर के लोगों की भी मिली भगत है। पोस्टर में लिखा है ‘तानाशाह गद्दार शी जिनपिंग को हटाओ‘… अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति बेहद दमनकारी नीति रखने वाले चीन में आखिर इस तरह की हिमाकत किसने की…और ये कैसे संभव हुआ…ये सवाल पूछा जा रहा है?
A banner against Xi Jinping is raised at Sitong Bridge, Haidian District, Beijing.
Admire the courage of this man, but when the giant ship sank, the screams of the passengers were only the meaning of tragedy.#TheGreatTranslationMovement pic.twitter.com/tMt4spulZR— The Great Translation Movement 大翻译运动官方推号 (@TGTM_Official) October 13, 2022
चीनी शासन-प्रशासन के लिए चिंता का एक पहलू ये भी है कि शहर के उत्तर-पश्चिम में एक पुल पर दो विरोध बैनर कैसे लगे और फिर ये उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक कैसे पहुंचे जो कि चीन में प्रतिबंधित हैं जैसे Twitter और फेसबुक। अधिकारियों द्वारा विरोध को तेजी से रोक दिए जाने के बाद भी ये सब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। जानकारी में आने के बाद अधिकारियों ने शहर में यहां तक पहुंच को सख्त कर दिया है, कई यात्रियों को बंद कर दिया है, कईयों को यहां से वापस भेज दिया गया और आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। बताया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन की जो तस्वीरें और फुटेज प्रसारित हो रहे हैं, उनमें बीजिंग के हैडियन जिले में एक पुल पर दो बड़े बैनर फहराए गए हैं।
इनमें एक में लिखा गया है — “कोई कोविड परीक्षण नहीं, हम खाना चाहते हैं। कोई प्रतिबंध नहीं, हम स्वतंत्रता चाहते हैं। कोई झूठ नहीं, हम गरिमा चाहते हैं। कोई सांस्कृतिक क्रांति नहीं, हम सुधार चाहते हैं। कोई तानाशाह नेता नहीं, हमें वोट चाहिए। गुलाम न होकर, हम हो सकते हैं नागरिक।”
दूसरे ने निवासियों से “स्कूल और काम पर हड़ताल कर दो, तानाशाह और राष्ट्रीय गद्दार शी जिनपिंग को हटाओ” का आह्वान किया।
चीन में प्रतिबंधित ट्विटर की तस्वीरों में एक सड़क पर आग से धुंआ उठता दिख रहा है और एक बैनर नजर आ रहा है जिसमें सख्त “शून्य कोविड” नीति को खत्म करने और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को उखाड़ फेंकने व राष्ट्रपति शी चिनफिंग को हटाने का आह्वान किया गया है। बीजिंग के एक पत्रकार के एक ट्वीट के अनुसार, बैनरों में नारे थे जिनमें ‘क्रांतिकारी परिवर्तन‘ की आवश्यकता को बढ़ावा देने को कहा गया।
एक अन्य बैनर में शी जिनपिंग को ‘तानाशाही देशद्रोही‘ भी कहा गया। रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें प्रसारित होने के बाद अधिकारियों ने बाद में बैनर हटा दिए। ऐसी खबरें आने के बाद बृहस्पतिवार को चीन में इंटरनेट सेंसर ने सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट को हटा दिया गया। बता दें, चीन में इस तरह का राजनीतिक विरोध दुर्लभ है और रविवार से शुरू होने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रमुख सम्मेलन के लिए पुलिस इस सप्ताह हाई अलर्ट पर है। दिन में, बाद में सड़क पर कोई बैनर नहीं दिखा लेकिन सड़क के ढलान वाले क्षेत्र पर एक काला निशान दिख रहा था जहां आग लगी होगी। यह स्पष्ट नहीं था कि बैनरों को किसने लटकाया होगा या उन्हें कब लगाया गया था।
दर्जनों पुलिसकर्मियों ने दुकानों में घुसकर इलाके को घेर लिया। कई बार वे राहगीरों को रोककर उनसे पूछताछ भी करते नजर आए। बताया जा रहा है कि ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों से तीन बार पूछताछ की गई और उन्हें पहचान दिखाने करने को कहा गया। पुलिस ने क्षेत्र में कुछ भी असामान्य होने से इनकार किया। बताया जा रहा है कि दुकानदारों ने भी कोई बैनर, धुआं या कोई असामान्य गतिविधि देखने से इनकार किया।
इसके बाद से, बीजिंग या “हैडियन हैशटैग” वाले पोस्ट को चीन के लोकप्रिय वीबो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तुरंत ब्लॉक कर दिया गया। कुछ पोस्ट में घटना का सीधे जिक्र किए बिना समर्थन किया गया और अज्ञात व्यक्ति के साहस की प्रशंसा की गई है। चीन में जिस तरह से बार-बार कोविड प्रतिबंध लगाए जा रहे और लोगों के कोरोना टेस्ट लिए जा रहे, उससे वहां के लोगों में अब ये आम राय बनती जा रही है चीनी सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को आम आदमी की आवाजाही रोकने का ही एक साधन बना लिया है और कोविड प्रोटोकोल असल में दमन का ही एक साधन बन गए हैं।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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