क्रिप्टो को लेकर जी-20 के फैसले का आरबीआई को इंतजार, केंद्रीय बैंक ने कहा- वैश्विक रणनीति बनाना जरूरी!

    एक राहत की बात यह है कि क्रिप्टो सेक्टर की यह अनिश्चितता वित्तीय सेक्टर के दूसरे क्षेत्रों में नहीं फैली

    0
    198
    क्रिप्टो को लेकर जी-20 के फैसले का आरबीआई को इंतजार
    क्रिप्टो को लेकर जी-20 के फैसले का आरबीआई को इंतजार

    क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई अभी भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं

    क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई के रुख में थोड़ी नरमी आने के संकेत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी के खतरे को लेकर आरबीआई के विचार में कोई बदलाव आया है। केंद्रीय बैंक अभी भी यह मानता है कि क्रिप्टोकरेंसी भरोसे के काबिल निवेश विकल्प या वित्तीय परिसंपत्ती नहीं है लेकिन जिस तरह से वह एक वर्ष पहले इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का सुझाव दे रहा था वैसे सुझाव अब नहीं दे रहा। आरबीआई ने पिछले शुक्रवार को जारी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक रणनीति बनने का इंतजार करना चाहिए।

    मालूम हो कि भारत अभी जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है व इन देशों के बीच क्रिप्टो के नियमन को लेकर विमर्श भी शुरु हो गया है तो केंद्रीय बैंक ने भी इन देशों के बीच एक वैश्विक दृष्टिकोण बनाये जाने की वकालत की है। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को अत्याधुनिक तकनीक के आधार पर समर्थन करने वालों को आइना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। खास तौर पर जिस तरह से वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर में और इससे जुड़े सूचकांक में जिस तरह की मंदी आई है और विभिन्न क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट आई है उसे आंकड़ों में प्रदर्शित किया है। नवंबर, 2021 के मुकाबले दिसंबर, 2022 में बिटक्वाइन की कीमत में 74 फीसद की गिरावट आई है। दूसरे क्रिप्टो एसेट्स में भी भारी गिरावट हो गई है।

    क्रिप्टो के समर्थक अभी तक यह तर्क देते रहे हैं कि जब महंगाई बढ़ती है तो क्रिप्टो की कीमत में तेजी का रुख होता है, इसे भी आरबीआई ने आंकड़ों के आधार पर गलत साबित किया है और हाल का उदाहरण दिया है कि जब वैश्विक स्तर पर महंगाई में तेजी का रूख था तब भी सभी तरह के क्रिप्टो के मूल्य कम हो रहे थे।

    आरबीआइ ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि किस तरह से कई क्रिप्टो एक्सचेंज बगैर सरकारी नियम कानून के ही अपना पूरा काम कर रहे हैं जैसे वो सौदे करा रहे हैं और उनका सेटलमेंट भी कर रहे हैं। क्रिप्टो में जिस तह से तेजी के गिरावट देखी जा रही है उसको भी केंद्रीय बैंक ने चिंताजनक करार दिया है। आरबीआई ने इस बात पर चिंता जताई है कि समाज का एक बड़ा युवा वर्ग क्रिप्टो अपना रहा है। दूसरी तरफ क्रिप्टो को लेकर अनिश्चितता बढ़ती जा रही है।

    एक राहत की बात यह है कि क्रिप्टो सेक्टर की यह अनिश्चितता वित्तीय सेक्टर के दूसरे क्षेत्रों में नहीं फैली है। असलियत में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे संकेत मिल रहा है कि क्रिप्टो सेक्टर और दूसरे वित्तीय सेक्टर के बीच बहुत ज्यादा तालमेल नहीं है और दोनो एक दूसरे से अलग है। लेकिन आगे स्थिति बदल सकती है। इसलिए जरूरी है कि एक सामान्य दृष्टिकोण बनाई जाए।

    आरबीआई ने अपनी तरह से तीन विकल्प दिए हैं। इसके जोखिम को लेकर एक ही तरह के नियमन सिद्धांत सभी एक्सचेंजों में अपनाई जाए। दूसरा, विकल्प यह है कि क्रिप्टो एसेट्स को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाए। समस्या यह है कि विभिन्न देशों में विभिन्न कानून व पद्धति हैं जिसकी वजह से इस काम को करने के लिए काफी समन्यवय करना होगा। तीसरा विकल्प यह है कि इसे अप्रासंगिक कर दिया जाए।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.