ट्विटर में जारी मस्क की मनमानी, बिना नोटिस हजारों कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाला!

इन नौकरियों में कटौती की घोषणा कंपनी के ग्लोबल ऑपरेशन में की गई थी। इसमें कंटेंट मॉडरेशन, रियल एस्टेट, मार्केटिंग, इंजीनियरिंग और अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल थे।

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ट्विटर ने हजारों कर्मचारियों को बिना नोटिस नौकरी से निकाला
ट्विटर ने हजारों कर्मचारियों को बिना नोटिस नौकरी से निकाला

ट्विटर ने हजारों कर्मचारियों को बिना नोटिस नौकरी से निकाला

ट्विटर के नये मालिक एलन मस्क ने कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद एक झटके में हजारों स्थाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और अब कंपनी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले एम्पलाइज को भी हटा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से करीब 4400 कर्मचारी प्रभावित होंगे। इनमें से कई कर्मचारियों ने दावा किया है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया गया।

प्लेटफॉर्मर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर ने बिना किसी पूर्व सूचना के इन कर्मचारियों को हटा दिया है। कर्मचारियों को अपने ऑफिशियल मेल और अन्य ऑनलाइन सेवाओं का एक्सेस खो दिया। इनमें से कुछ कर्मचारियों को कंपनी की ओर से कोई पूर्व चेतावनी नहीं मिली। उन्होंने महसूस किया कि उन्हें तब हटा दिया गया था जब उन्होंने कंपनी के आंतरिक संचार और यहां तक ​​कि ई-मेल तक पहुंच खो दी थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इन नौकरियों में कटौती की घोषणा कंपनी के ग्लोबल ऑपरेशन में की गई थी। इसमें कंटेंट मॉडरेशन, रियल एस्टेट, मार्केटिंग, इंजीनियरिंग और अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल थे।

इससे पहले चार नवंबर को ट्विटर ने अपने स्थायी कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर उनको बाहर करने की सूचना दी थी। आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे ‘मॉडरेटर’ को पता चला कि अब उनकी नौकरी नहीं रही। ट्विटर के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही मेलिसा इन्गेल उन कुछ लोगों में से हैं जिन्हें शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। मेलिसा ने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर करने से ट्विटर में ‘स्थिति’ खराब होने की आशंका है।

बता दें कि एलन मस्क ने ट्विटर में काम करने वाले 7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों में से 50 फीसदी लोगों की छंटनी कर दी है। इसे लेकर मस्क को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। हालांकि, कंपनी में छंटनी को लेकर एलन मस्क ने अपना बचाव करते हुए कहा कि बढ़ते खर्च और लागत को कम करने के लिए ऐसा करना हमारी मजबूरी है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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