‘आत्मनिर्भर भारत’ को बड़ा बढ़ावा: एचएएल ने बीईएल के साथ 2400 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

एलसीए तेजस कार्यक्रम एचएएल जैसे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और बीईएल के बीच तालमेल का बेहतरीन उदाहरण है

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एचएएल ने बीईएल के साथ 2400 करोड़ रुपये का अनुबंध किया
एचएएल ने बीईएल के साथ 2400 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

एचएएल ने एलसीए एमके1ए के लिए बीईएल के साथ अब तक का सबसे बड़ा अनुबंध किया

स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने गुरुवार को यहां भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 2,400 करोड़ रुपये के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत बेंगलुरु में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके1ए प्रोग्राम के लिए 20 प्रकार की प्रणालियों का विकास और आपूर्ति की जाएगी।

साल 2023 से 2028 तक के इस अनुबंध में क्रिटिकल एवियोनिक्स लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (एलआरयू), फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर्स और नाइट फ्लाइंग एलआरयू की आपूर्ति शामिल है। 2,400 करोड़ रुपये के अनुबंध के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है, जो एचएएल ने किसी भी भारतीय कंपनी को दिया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत‘ अभियान को बढ़ावा देता है।

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बीईएल के सीएमडी आनंदी रामलिंगम ने कहा, “एलसीए तेजस कार्यक्रम एचएएल जैसे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और बीईएल के बीच तालमेल का बेहतरीन उदाहरण है। तेजस एमके1ए के लिए 20 प्रकार के क्रिटिकल एवियोनिक्स एलआरयू के विकास और आपूर्ति के लिए मौजूदा ऑर्डर मेक इन इंडिया गतिविधि के लिए एक बेहतर प्रयास है।”

वहीं दूसरी ओर एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने कहा, “एचएएल स्वदेशी उत्पादों के लिए प्रतिबद्ध है।”

आनंदी ने आगे कहा, “हमें प्रतिष्ठित एलसीए तेजस कार्यक्रम के लिए एचएएल से ऑर्डर मिलने की बेहद खुशी है और हम एचएएल के साथ मजबूत भागेदारी और संयुक्त सफलता कायम रखने के प्रति आशान्वित हैं।”

कुल 83 तेजस एमके1ए के लिए इन प्रणालियों की आपूर्ति के ऑर्डर को बेंगलुरु और हरियाणा में पंचकूला स्थित बीईएल की दो डिवीजनों द्वारा पूरा किया जाएगा। अनुबंध में शामिल सभी सामग्री बीईएल द्वारा एचएएल को लगाने के लिए तैयार हालत में (रेडी टू बोर्ड) दी जाएंगी।

कुल 83 तेजस एमके1ए आर्डर के तहत वायुसेना को आपूर्ति वित्तवर्ष 2023-24 से शुरू हो जाएगी। ये विमान स्वदेशी फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर्स और एयर डाटा कंप्यूटर्स से लैस होंगे, जिनकी आपूर्ति भी इसी अनुबंध के तहत बीईएल द्वारा की जाएगी। इन प्रणालियों का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं और बेंगलुरु स्थित वैमानिकी विकास एजेंसी (एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) ने किया है।

अनुबंध से संबंधित दस्तावेज एचएएल में महाप्रबंधक, एलसीए तेजस डिवीजन, ई.पी. जयदेव की ओर से बीईएल के महाप्रबंधक (ईडब्ल्यू एंड ए) मनोज जैन को सौंपे गए।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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