भारत की जैव-अर्थव्यवस्था पिछले आठ वर्षों में 10 अरब डॉलर से 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर हुई: पीएम मोदी

स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव, प्राकृतिक खेती, बायो-फोटीर्फाइड बीज इस क्षेत्र के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रहे हैं

0
508
भारत की जैव-अर्थव्यवस्था पिछले आठ वर्षों में 10 अरब डॉलर से 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर हुई: पीएम मोदी
भारत की जैव-अर्थव्यवस्था पिछले आठ वर्षों में 10 अरब डॉलर से 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर हुई: पीएम मोदी

भारत की जैव-अर्थव्यवस्था बढ़ी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत की जैव-अर्थव्यवस्था (बायो-इकोनॉमी) पिछले आठ वर्षों में आठ गुना बढ़कर 10 अरब डॉलर से बढ़कर 80 अरब डॉलर हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को प्रगति मैदान में बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो-2022 का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने इस अवसर पर बायोटेक उत्पादों के लिए एक ई-पोर्टल भी लॉन्च किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते 8 साल में भारत की बायो-इकॉनॉमी 8 गुना बढ़ गई है। 10 अरब डॉलर से बढ़कर हम 80 अरब डॉलर तक पहुंच चुके हैं। भारत, बायोटेक के ग्लोबल इको-सिस्टम में टॉप-10 देशों की लीग में पहुंचने से भी ज्यादा दूर नहीं हैं।”

प्रधानमंत्री ने देश में इस क्षेत्र के विकास में जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के योगदान के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब अमृत काल के दौरान देश नए संकल्प ले रहा है, देश के विकास में बायोटेक उद्योग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

वैश्विक मंच पर भारतीय पेशेवरों की बढ़ती प्रतिष्ठा के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया में हमारे आईटी प्रोफेशनल्स की स्किल और इनोवेशन को लेकर ट्रस्ट नई ऊंचाई पर है। यही ट्रस्ट, यही रेपुटेशन, इस दशक में भारत के बायोटेक सेक्टर, भारत के बायो प्रोफेशनल्स के लिए होते हम देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को बायोटेक के क्षेत्र में अवसरों की भूमि माना जा रहा है, तो उसके पांच बड़े कारण हैं। पहला- डायवर्स पापुलेशन, डायवर्स क्लाइमेट जॉन्स, दूसरा- भारत का टैलेंटेड ह्यूमन कैपिटल पूल, तीसरा- भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए बढ़ रहे प्रयास। चौथा- भारत में लगातार बढ़ रही बायो-प्रोडक्ट्स की डिमांड और पांचवां- भारत के बायोटेक सेक्टर यानि आपकी सफलताओं का ट्रेक रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता और शक्ति में सुधार के लिए अथक प्रयास किया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ‘संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण‘ पर विशेष ध्यान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास का मंत्र भारत के अनेक क्षेत्रों में भी लागू है। इसके परिणामस्वरूप उस ²श्य को उलट दिया गया है जब कुछ चुनिंदा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था और अन्य को अपने लिए छोड़ दिया गया था।

उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र देश के विकास को गति दे रहा है, इसलिए हर क्षेत्र का ‘साथ’ और हर क्षेत्र का ‘विकास’ समय की मांग है। उन्होंने कहा कि सोच और दृष्टिकोण में इस बदलाव के परिणाम सामने हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में बहुत अधिक संख्या में क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का उदाहरण दिया।

बायोटेक क्षेत्र के लिए भी अभूतपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं जो स्टार्टअप इको-सिस्टम में स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी, “बीते 8 वर्षों में हमारे देश में स्टार्ट-अप्स की संख्या, कुछ सौ से बढ़कर 70 हजार तक पहुंच गई है। ये 70 हजार स्टार्ट-अप्स लगभग 60 अलग-अलग इंडस्ट्रीज में बने हैं। इसमें भी 5 हजार से अधिक स्टार्ट अप्स, बायोटेक से जुड़े हैं। जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रत्येक 14वां स्टार्टअप और पिछले वर्ष में ही 1100 से अधिक ऐसे जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप उभरे।” इस क्षेत्र की ओर प्रतिभा के बदलाव के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बायोटेक क्षेत्र में निवेशकों की संख्या में 9 गुना वृद्धि हुई है और बायोटेक इन्क्यूबेटरों और उनके लिए वित्तपोषण में 7 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “बायोटेक इन्क्यूबेटरों की संख्या 2014 की 6 से बढ़कर अब 75 हो गई है। बायोटेक उत्पादों ने आज 10 उत्पादों को बढ़ाकर 700 से अधिक कर दिया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार केंद्रित दृष्टिकोण को पार करने के क्रम में, सरकार नए सक्षम इंटरफेस प्रदान करने की संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही है। बीआईआरएसी जैसे प्लेटफार्मों को मजबूत किया जा रहा है और कई अन्य क्षेत्र इस दृष्टिकोण को देख रहे हैं। उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए स्टार्टअप इंडिया अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए इन-स्पेस, रक्षा स्टार्टअप के लिए आई-डेक्स, सेमी कंडक्टर के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन, युवाओं में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन और बायोटेक स्टार्ट-अप एक्सपो का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “बायोटेक सेक्टर सबसे अधिक डिमांड ड्राइवेन सेक्टर्स में से एक है। बीते वर्षों में भारत में ईज ऑफ लिविंग के लिए जो अभियान चले हैं, उन्होंने बायोटेक सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बना दी हैं।”

अंत में, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव, प्राकृतिक खेती, बायो-फोटीर्फाइड बीज इस क्षेत्र के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रहे हैं।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.