सरकार ने सीबीआई को एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में पूर्व भ्रष्ट वित्त मंत्री चिदंबरम पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी।

आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद विभिन्न नई सामग्री सामने आई है इसलिए हिरासती पूछताछ की आवश्यकता है।

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सरकार ने सीबीआई को एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में पूर्व भ्रष्ट वित्त मंत्री चिदंबरम पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी।
सरकार ने सीबीआई को एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में पूर्व भ्रष्ट वित्त मंत्री चिदंबरम पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी।

सीबीआई और ईडी ने अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए चिदंबरम और बेटे कार्ति की हिरासती पूछताछ की भी मांग की।

केंद्र ने सोमवार को एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी। 2जी न्यायालय के न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष अभियोजन की मंजूरी प्रस्तुत करते हुए विशेष लोक अभियोजक और महा याचक (सॉलिसिटर जनरल) तुषार मेहता ने अनुरोध किया कि उन्हें चिदंबरम के सह आरोपी पांच अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए “कुछ और समय” की जरूरत है।

इस मामले में 18 आरोपी हैं। चिदंबरम के अलावा हाल ही में संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अनुसार, पांच सरकारी कर्मचारियों के अभियोजन के लिए मंजूरी की आवश्यकता है

सीबीआई और ईडी ने अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए चिदंबरम और बेटे कार्ति की हिरासती पूछताछ की भी मांग की। चिदंबरम अदालत में उपस्थित थे और कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने उसका प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने एजेंसियों की मांग का विरोध किया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को रखी है। मेहता ने दोहराया कि एजेंसियों को नए दस्तावेज मिले हैं और यह भी कहा कि प्रश्नों के जवाब में उनकी कपटपूर्ण प्रकृति की वजह से पिता और बेटे की हिरासती पूछताछ चाहते हैं।

इस मामले में 18 आरोपी हैं। चिदंबरम के अलावा हाल ही में संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अनुसार, पांच सरकारी कर्मचारियों के अभियोजन के लिए मंजूरी की आवश्यकता है। मंजूरी के लिए सीबीआई का अनुरोध वित्त मंत्रालय में लंबित है। पूर्व वित्त सचिव अशोक झा और अशोक चावला और दो सेवारत आईएएस अधिकारी कुमार संजय कृष्णन, दीपक कुमार सिंह और राम सरन, पूर्व एफआईपीबी में अवर सचिव चिदंबरम के सह आरोपी हैं।

महा याचक तुषार मेहता ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से निवेदित किया कि “केंद्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 197 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत आरोपी पी चिदंबरम के अभियोजन के लिए मंजूरी दे दी है।”

आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद विभिन्न नई सामग्रियाँ सामने आई हैं इसलिए हिरासती पूछताछ की आवश्यकता है।

उन्होंने मंजूरी प्राप्त करने के लिए दो हफ्ते की मांग करते हुए कहा, “शेष आरोपी सरकारी कर्मचारियों (पांच) के संबंध में अभियोजन की मंजूरी के लिए अभी भी प्रतीक्षा की जा रही है,”। सीबीआई ने कहा कि यदि अदालत ने अन्य आरोपियों के लिए स्वीकृति प्राप्त करने के लिए अधिक समय देने से इंकार कर दिया तो “इस तरह के गंभीर अपराधों से संबंधित मामले में, न्याय प्राप्ति को फलोत्पादक कर सकता है”।

आगे यह भी कहा गया: “ऊपर बताए गए तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, नम्रतापूर्वक और सम्मानपूर्वक प्रार्थना करते है कि आरोपी पी चिदंबरम के संबंध में केंद्र सरकार में सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त अभियोजन की मंजूरी को कृपया अभिलेखित किया जाए और शेष आरोपी सरकारी कर्मचारियों के संबंध में अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए समय दिया जाए। ”

संबंधित काले धन को वैध बनाने (मनी लॉंडरिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से, मेहता ने मौखिक रूप से न्यायालय से कहा कि अभियुक्त ने “एजेंसी को गुमराह किया और झूठा बयान दिया। उन्होंने अन्य देशों में बैंक खातों और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त धन के बारे में जानकारी गुप्त रखी। ”

विशेष सरकारी अभियोजकों एन के मट्टा और नीतेश राणा द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए ईडी ने कहा, “आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद विभिन्न नई सामग्रियाँ सामने आई हैं इसलिए हिरासती पूछताछ की आवश्यकता है।” सीबीआई ने 19 जुलाई को आरोप-पत्र दायर किया है।

मलेशियाई फर्म मैक्सिस के मालिक टी आनंद कृष्णन और उनके सीईओ राल्फ मार्शल, एयरसेल के सीईओ वी श्रीनिवासन और चिदंबरम परिवार के चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्करमन एयरसेल-मैक्सिस मामले में अन्य आरोपी हैं।

कार्ति नियंत्रित कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग एंड चेस मैनेजमेंट सर्विसेज पर पिता चिदंबरम की “अवैध और संदिग्ध” एफआईपीबी अनुमोदन के बाद लगभग 2 मिलियन डॉलर मैक्सिस और उसके सहायक कंपनियों से प्राप्त करने का आरोप सीबीआई ने लगाया है। मैक्सिस ग्रुप की चार कंपनियां एस्ट्रो ऑल एशिया, मैक्सिस मोबाइल एसडीएम, बुमी आर्मडा बेरहाद और बुमी आर्मडा नेविगेशन बेरहाद पर भी “अवैध” एफआईपीबी निकासी पाने के लिए पक्ष जुटाव करने एवँ  प्रत्याधक्रका (किकबैक) पैसों को स्थानांतरित का आरोप है।

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