गुलाम नबी आजाद ने छोड़ी कांग्रेस, कहा राहुल को उपाध्यक्ष बनाने से कांग्रेस बर्बाद हुई

इस्तीफे के इन पन्नों में 7 किरदार और 3 हालात हैं। सबसे सख्त बयान राहुल को लेकर है। आजाद ने उन्हें कांग्रेस की बर्बादी की वजह बताया है।

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गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ते समय कांग्रेस के मालिकों को आइना दिखाया!
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ते समय कांग्रेस के मालिकों को आइना दिखाया!

गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ते समय कांग्रेस के मालिकों को आइना दिखाया!

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के हवाले से कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आजाद नई पार्टी बनाएंगे।

इधर, आजाद के कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर में पांच नेताओं जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनमें सरूरी को छोड़कर बाकी सब पूर्व विधायक हैं।

इधर आजाद ने अपने इस्तीफे के तौर पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्ने की चिट्ठी भेजी। इस्तीफे के इन पन्नों में 7 किरदार और 3 हालात हैं। सबसे सख्त बयान राहुल को लेकर है। आजाद ने उन्हें कांग्रेस की बर्बादी की वजह बताया है। आइए जानते हैं आजाद की चिट्ठी में राहुल गांधी के बारे में क्या लिखा है…

राहुल के बारे में: गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में कहा है कि राहुल गांधी ने पार्टी में एंट्री के साथ ही सलाह के मैकेनिज्म को तबाह कर दिया। खासतौर पर जनवरी 2013 में उनके उपाध्यक्ष बनने के बाद तो पार्टी में यह सिस्टम पूरी तरह बंद हो गया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया और गैर अनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप बन गया, जो पार्टी चलाने लगा।

वर्तमान हालात के बारे में क्या लिखा…
1. 2014 की हार: कांग्रेस की बर्बादी का सबसे ज्वलंत उदाहरण वह है, जब राहुल गांधी ने सरकार के अध्यादेश को पूरी मीडिया के सामने टुकड़े-टुकड़े कर डाला। कांग्रेस कोर ग्रुप ने ही यह अध्यादेश तैयार किया था। कैबिनेट और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। इस बचकाना हरकत ने भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के औचित्य को खत्म कर दिया। किसी भी चीज से ज्यादा यह इकलौती हरकत 2014 में यूपीए सरकार की हार की बड़ी वजह थी।

2. 2014 से 2022 का समय: 2014 में आपकी और उसके बाद राहुल गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस शर्मनाक तरीके से 2 लोकसभा चुनाव हारी। 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से हम 39 चुनाव हार गए। पार्टी ने केवल 4 राज्यों के चुनाव जीते और 6 मौकों पर उसे गठबंधन में शामिल होना पड़ा। अभी कांग्रेस केवल 2 राज्यों में शासन कर रही है और 2 राज्यों में गठबंधन में उसकी भागीदारी मामूली है।

3. सोनिया को फिर संभालना पड़ा जिम्मा: हार के बाद राहुल गांधी ने झुंझलाहट में अध्यक्ष पद छोड़ दिया, उससे पहले उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हर सीनियर नेता का अपमान किया, जिसने पार्टी के लिए अपनी जिंदगी दी, तब आप अंतरिम अध्यक्ष बनीं। पिछले 3 साल से आप यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है। उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों पर सवाल खड़ा कर दिया है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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