चीन में मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा को बड़ा खतरा
चीन में मीडिया की स्वतंत्रता ‘ब्रेकनेक स्पीड’ से घट रही है। देश में विदेशी पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां पत्रकारों को शारीरिक हमले, हैकिंग, ऑनलाइन ट्रोलिंग और वीजा से इनकार का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य भूमि चीन और हांगकांग में स्थानीय पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
चीन ने एफसीसी को ‘अवैध संगठन‘ करार दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तब आता है जब दुनिया के मीडिया ने अपना ध्यान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक की ओर लगाया, जो पहले से ही शिनजियांग में कथित मानवाधिकारों के हनन और हांगकांग में कार्रवाई के कारण जांच के दायरे में है।
रिपोर्ट में पाया गया कि विदेशी पत्रकारों को राज्य द्वारा इतना गंभीर रूप से परेशान किया जा रहा है कि मुट्ठी भर संवाददाताओं ने मुख्य भूमि चीन छोड़ दिया है।
दूसरों को एहतियात के तौर पर आपातकालीन निकास योजनाओं के साथ आने के लिए मजबूर किया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी पत्रकारों के चीनी सहयोगियों को भी अधिकारियों द्वारा उनके परिवारों को परेशान करने की धमकी का सामना करना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलियाई चेंग लेई और चीनी नागरिक हेज फैन जैसे अन्य पत्रकारों को राज्य सुरक्षा मामलों में शामिल होने के आरोप में एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है।
बीबीसी ने रिपोर्ट के एक संपादक के हवाले से कहा, ‘निरंतर जीरो-कोविड नीतियां, स्टाफ के मुद्दे, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ते अविश्वास और कई बार चीन में पश्चिमी मीडिया के प्रति पूरी तरह से शत्रुता एक आदर्श तूफान रहा है।”
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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