ऑपरेशन ऑक्टोपस का खुलासा – इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए पीएफआई ने युवाओं को आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को एनआईए-ईडी ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। अब इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया है। कोझिकोड से गिरफ्तार पीएफआई वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ईडी ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसके फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए बाकायदा एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।
ईडी ने कहा कि पीएफआई को खाड़ी देश से फंडिंग होती है। सभी पैसे हवाला के जरिए आता है। हमने इस साल पीएफआई के 120 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। पायथे ने भी 40 लाख रुपए कतर से ट्रांसफर किए थे, जो गैर-कानूनी तरीके से भेजा गया था।
वहीं कोच्चि में एनआईए की ओर से दाखिल एफिडेविट में कहा गया है कि इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए पीएफआई ने युवाओं को लश्कर और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
ऑपरेशन ऑक्टोपस छापे के बाद पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज के मुताबिक संगठन का टारगेट हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना है। इसमें लिखा मिला कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे।
एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि हवाला के जरिए पैसे जुटाकर पीएफआई के सदस्य ट्रेनिंग कैंप लगाते हैं। साथ ही इनके मेंबर्स देशभर में कई आपराधिक साजिशों में शामिल रहे हैं। अप्रैल से ही इसकी जांच चल रही थी। सीएए कानून और हाथरस जैसी घटनाओं में भी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने में इन संगठनों का हाथ रहा है।
मोदी की रैली के दौरान पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से 3 आतंकी को गिरफ्तार किया था। ये सभी प्रधानमंत्री की रैली पर हमले की साजिश रच रहे थे।
इन आतंकियों के पास से 7 पन्नों का एक दस्तावेज बरामद हुआ था, जिसके कवर पर 2047 लिखा था। आतंकियों ने 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का मिशन रखा था।
मुख्य आरोपी अतहर ने बताया कि उन लोगों ने ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिसमें 26 लोग शामिल थे। मामले का लिंक पीएफआई से जुड़ा, जिसके बाद एनआईए ने बिहार में छापेमारी की थी।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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