दिल्ली यूनिवर्सिटी टॉप 10 यूनिवर्सिटी की लिस्ट से बाहर

बीते वर्ष भी दिल्ली विश्वविद्यालय को मौजूदा रैंकिंग में छात्र शिक्षक अनुपात के लिए जेएनयू के मुकाबले 30 अंक कम हासिल हुए थे। इससे दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आई।

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दिल्ली यूनिवर्सिटी टॉप 10 यूनिवर्सिटी की लिस्ट से बाहर
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दिल्ली विश्वविद्यालय के खराब प्रदर्शन का कारण क्या है?

एनआईआरएफ रैंकिंग में दिल्ली विश्वविद्यालय के जहां 5 कॉलेज टॉप 10 की लिस्ट में शुमार हैं तो वहीं इस वर्ष भी दिल्ली विश्वविद्यालय ‘टॉप 10 यूनिवर्सिटी‘ की लिस्ट से बाहर है। विशेषज्ञ इसका बड़ा कारण स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति में देरी, खराब शिक्षक छात्र अनुपात और प्रबंधन को लेकर कई कॉलेजों के मनमाने रवैये को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण यह है कि डीयू के कई कॉलेजों में स्थाई शिक्षकों के स्थान पर 60 से 70 फीसदी तक एडहॉक व गेस्ट टीचर हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में दिल्ली विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जिन पैरामीटर्स पर तय की गई उनमें लर्निंग एवं रिसोर्सेस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, रिसर्च एवं प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस, पर्सेप्शन और आउटरीच एवं इन्क्लुजिविटी के मानकों पर संस्थान से प्राप्त आकड़े शामिल हैं। इनमें से कुछ मानकों में दिल्ली विश्वविद्यालय अपना प्रदर्शन नहीं सुधार सका। यही कारण है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में बीते वर्ष के मुकाबले एक पायदान नीचे लुढ़क गया।

बीते वर्ष एनआईआरएफ विश्वविद्यालय रैंकिंग में दिल्ली विश्वविद्यालय 12वें स्थान पर था, इस बार वह 13वीं पोजीशन पर पहुंच गया है। यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में जहां यह एक पायदान नीचे गया है तो वहीं ओवरऑल रैंकिंग में इसका प्रदर्शन और भी खराब है। यहां दिल्ली विश्वविद्यालय पिछले वर्ष के मुकाबले चार पायदान लुढ़क कर 23वें स्थान पर पहुंच गया। 2021 में डीयू की ओवरऑल रैंकिंग 19 थी।

इस प्रदर्शन पर दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि एनआईआरएफ रैंकिंग के विभिन्न पैरामीटर का अध्ययन किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में अधिक गिरावट है उन्हें सही करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय का कहना है कि डीयू में नियुक्ति समेत विभिन्न सुधार किए जा रहे हैं, यह एक लंबी प्रक्रिया है और इसके परिणाम आने वाले समय में स्पष्ट होने लगेंगे। विश्वविद्यालय का कहना है कि इसके साथ साथ रिसर्च की क्वालिटी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बीते वर्ष भी दिल्ली विश्वविद्यालय को मौजूदा रैंकिंग में छात्र शिक्षक अनुपात के लिए जेएनयू के मुकाबले 30 अंक कम हासिल हुए थे। इससे दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आई।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज सुमन के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। अभी भी विश्वविद्यालय में बड़ी तादाद में पदों को भरा जाना एवं शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति देना बाकी है। अन्य कई विश्वविद्यालयों से छात्र शिक्षक अनुपात में पिछड़ने के बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय ने रिसर्च के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। सुमन का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में कई कॉलेज ऐसे हैं जहां स्थाई शिक्षकों की बजाय 60 से 70 फीसदी तक एडहॉक या गेस्ट शिक्षक छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कैलाश सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कम से कम 20 कॉलेज ऐसे हैं जिनमें स्थायी प्रिंसिपल तक नहीं हैं। यह कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। इनमें श्री अरबिंदो कॉलेज, अरबिंदो कॉलेज (सांध्य), मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य), भगत सिंह कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज (सांध्य), सत्यवती कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (सांध्य), राजधानी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, इंदिरा गांधी फिजिकल एजुकेशन, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भगिनी निवेदिता कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, महर्षि बाल्मीकि कॉलेज, आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, भीमराव अम्बेडकर कॉलेज आदि शामिल हैं। इन कॉलेजों में लंबे समय से प्रिंसिपलों के पद खाली पड़े हैं, कुछ में पांच वर्ष से अधिक समय से अस्थायी प्रिंसिपल पद पर बने हुए हैं।

विश्वविद्यालयों की श्रेणी में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु को देश का सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बना है। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया अब देशभर में तीसरा शीर्ष विश्वविद्यालय बन गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया ने सबसे बड़ा उलटफेर किया है। बीते वर्ष जामिया इस रैंकिंग में छठे स्थान पर था, लेकिन इस बार उसने 3 अंकों की छलांग लगाते हुए टॉप 3 में अपना स्थान बनाया है।

जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जामिया शिक्षण, लर्निंग और अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। एनआईआरएफ रैंकिंग में हम 2016 में 83वीं रैंक से बढ़कर 2021 में छठे स्थान पर पहुंचे थे और अब देश के तीन शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल हुए हैं। यह उल्लेखनीय उपलब्धि विश्वविद्यालय के समर्पित और निष्ठावान संकाय सदस्यों द्वारा उच्चतम गुणवत्ता और शिक्षण के प्रासंगिक और केंद्रित अनुसंधान के कारण संभव हुई है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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