द कश्मीर फाइल्स में आखिर ऐसा क्या है जो इसका इतना विरोध हो रहा है!

द कश्मीर फाइल्स की कहानी नब्बे के दौर में घाटी में हुए कश्मीरी पंडितों के निष्कासन और इस दौर के राजनीतिक माहौल पर आधारित है।

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द कश्मीर फाइल्स में आखिर ऐसा क्या है जो इसका इतना विरोध हो रहा है!
द कश्मीर फाइल्स में आखिर ऐसा क्या है जो इसका इतना विरोध हो रहा है!

द कश्मीर फाइल्स पर आखिर इतना बवाल क्यों?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने द कश्मीर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगाने की मांग से संबंधित याचिका खारिज कर दी। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। याचिका खारिज होने के बाद फिल्म की रिलीज का रास्ता एकदम साफ हो गया है।

द कश्मीर फाइल्स की कहानी नब्बे के दौर में घाटी में हुए कश्मीरी पंडितों के निष्कासन और इस दौर के राजनीतिक माहौल पर आधारित है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पुनीत इस्सर, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार जैसे कलाकार प्रमुख किरदारों में नजर आने वाले हैं।

विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर (पीआईएल) की गई थी, जिसमें फिल्म के कंटेंट को समुदाय विशेष के खिलाफ बताते हुए रिलीज रोकने की गुजारिश की गई थी।

यह याचिका उत्तर प्रदेश के निवासी इंतजार हुसैन सैय्यद की ओर से दाखिल की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि फिल्म का ट्रेलर मुस्लिम समुदाय को गलत ढंग से पेश करता है और कुछ दृश्यों से सामुदायिक कटुता को बढ़ावा मिलता है। याचिका में फिल्म को एकतरफा भी बताया गया।

हालांकि विवेक अग्निहोत्री ने याचिका खारिज होने के बाद एक ट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि “यह मेरा आधिकारिक बयान था जो वकीलों को अदालत में पढ़ने के लिए दिया गया था। हालाँकि, आवश्यकता उत्पन्न नहीं हुई।”


मेरे वकीलों को दिया गया मेरा आधिकारिक बयान माननीय न्यायाधीश को पढ़कर सुनाया जाएगा। –

“80 के दशक के अंत और 90 के दशक की शुरुआत में कश्मीर घाटी में हिंदुओं का एक संगठित नरसंहार हुआ था। यह फिल्म हिंदुओं के इस नरसंहार के बारे में है, विशेष रूप से कट्टरपंथी धार्मिक आतंकवाद पर आधारित अमानवीय और बर्बर हत्याओं और निर्दोष कश्मीरी हिंदुओं के बलात्कार के बारे में है। संपूर्ण संस्कृति और विविधता को नष्ट कर दिया गया। मेरा मानना ​​​​है कि धार्मिक आतंकवाद का कोई ‘दूसरा पक्ष’ कभी नहीं हो सकता है। मैंने सभी दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं, यहां तक ​​​​कि कठोर आतंकवादियों और अलगाववादियों के भी और दर्शकों के लिए यह तय करना है कि वे किस विचारधारा के लिए खड़े होना चाहते हैं मैं अपनी फिल्म में कोई बदलाव नहीं करूंगा और परिणाम भुगतने को तैयार हूं।

द कश्मीर फाइल्स के ट्रेलर में दिखाये गये हार्ड-हिटिंग दृश्यों के लिए इसकी काफी तारीफ हो रही है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कश्मीर में आजादी की मांग को लेकर उस वक्त अलगाववादी ताकतें चरम पर थीं, जिन्हें कुछ राजनीतिक नेताओं का सपोर्ट मिला था। कश्मीरी पंडितों पर हमले किए गए और उन्हें घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। अनुपम खेर इसमें कश्मीरी पंडित के किरदार में नजर आएंगे।

सोशल मीडिया में फिल्म द कपिल शर्मा शो की वजह से भी चर्चा में हैं। दरअसल, कुछ यूजर्स ने फिल्म को व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए इसका प्रमोशन द कपिल शर्मा शो में करवाने की सलाह दी थी, जिस पर निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा था कि उनकी फिल्म में कमर्शियल सितारे नहीं हैं, इसलिए उन्हें शो में नहीं बुलाया जाएगा। इसके बाद कई यूजर्स ने कपिल शर्मा को भी टैग करके द कश्मीर फाइल्स की टीम को इनवाइट करने की मांग की। वहीं, इसके साथ उनकी ट्रोलिंग भी शुरू हो गयी। विवेक अग्निहोत्री ने इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के रहस्य पर द ताशकंद फाइल्स बनायी थी, जो क्रिटिकली और कमर्शियली सफल रही थी।

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