अफगानिस्तान के उद्योगपतियों ने बाइडेन के फैसले पर आपत्ति जताई!
अफगानिस्तान वाणिज्य उद्योग मंडल और खनन संगठन ने सात अरब डालर की जमा ‘फ्रीज परिसंपत्तियों’ को सितंबर 2001 के पीड़ितों तथा अफगानी लोगों के कल्याण संबंधी मद में विभाजित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले पर कड़ी आपत्ति की है।
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अल हाजी शाखी अहमद पैमान ने गुरूवार को यहां पत्रकारों को बताया ‘अफगानिस्तान की पांच हजार फैक्टरियों और खदान कंपनियों की ओर से मैं बाइडेन के इस निर्णय की कड़ी निंदा करता हूं और यह अन्यायपूर्ण हेै। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान उद्योग मंडल और खदान संगठन में लगभग चार लाख लोग प्रत्यक्ष और 15 लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे हैं। अमेरिका खुद को मानवाधिकारों और लोकतंत्र की आजादी का रहनुमा मानता है। अगर अमेरिका किसी भी तरह के बहाने की आड़ में अफगानिस्तान की परिसंत्तियों को अपने कब्जे में रखना चाहता है तो इस कदम का ना केवल अफगानिस्तान बल्कि विदेशों में भी विरोध किया जाएगा। गुरूवार को हजारों अफगानियों ने बाइडेन के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और अफगानिस्तान की फ्रीज की गई परिसंपत्तियों को लौटाने की मांग की है।
गौरतलब है कि 11 फरवरी को बाइडेन ने एक कार्यकारी आदेश में अफगानिस्तान के केन्द्रीय दा अफगानिस्तान बैंक की फ्रीज की गई परिसंपत्तियों में से कुछ हिस्सा अफगानी लोगों तथा कुछ हिस्सा वर्ष 2001 के आतंकी हमलों के शिकार अमेरिकी लोगों के परिजनों को देने की बात कही थी।
इसमें कहा गया था कि व्हाइट हाऊस प्रशासन 3.5 अमेरिकी डालर की राशि अफगानी लोगों के कल्याण में इस्तेमाल करेगा और 3.5 अरब डालर से अधिक की राशि अमेरिका में ही रहेगी जो उस आतंकी हमलों के शिकार लोगों को अदालती फैसले के बाद दी जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद केन्द्रीय बैंक में विदशों में जमा नौ अरब डालर से अधिक की राशि तथा परिसंपत्तियां को फ्रीज कर दिया गया था। इनमें से सात अरब डालर के आरक्षित भंडार अमेरिका में थे और शेष राशि जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, स्विटजरलैंड तथा अन्य देशों में थी।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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