कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादी आज कल सीमा रेखा के पार किसी भी आतंकी कैंप में नहीं बल्कि सोशल मीडिया में प्रसारित किये जा रहे उग्र विचारों के माध्यम से अपना प्रशिक्षण हासिल कर रहे और आतंकी संगठन के सदस्य बन रहे !
आज के समय में सोशल मीडिया में ऐसी सामग्री की कमी नहीं है जिसे बस एक बार पढ़ लेने की वजह से किसी को दिमागी तौर पे अपने वश में नहीं किया जा सकता है ! हैरानगी के बात तो यह है सब जानकारी होने के बावजूद भी आज तक सुरक्षा एजेंसियां इन सब पे लगाम लगाने में नाकामयाब साबित हुई है ! विभिन जानकारियों से लैस सोशल मीडिया के यह पेज बेबाकी से भारत की सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ लगातार जेहर उगल रहे हैं और भारत की छवि ख़राब करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ रहे !
हाल ही में जब ऐसे दो मामले सामने आये जिसमें अनंतनाग डिग्री कॉलेज के छात्र और बाबा घुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी का छात्र आतंकी घटनाओं में लिप्त पाए गए उस समय सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए और उन्हें इस बात का अंदाज़ा हुआ की इन्टरनेट की दुनिया किस तरह से घर बैठे बैठे कश्मीरी बच्चों को कटरपंथी बना रही है और उनको अपने वश में कर रही है !
इन सब के चलते राष्ट्रीय जाँच एजेंसी नें बहुत पहले से ही जेहर फेलाने वाले वेबसाइट पे कड़ी नज़र रखी हुई थी और इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की शुरुवात भी करवाई है ताकि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के मंसूबो को कामयाब न होने दें !
नामी गिरामी सोशल मीडिया पेज जिसमे ट्विटर और फेसबुक शामिल हैं राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के घेरे में हैं और कश्मीर घाटी में जितने बड़े पैमाने पे इनका इस्तेमाल हो रहा था उस को देखते हुए NIA ने उनपे लगाम कसनी शुरू कर दी है !
कश्मीर घाटी का नौजवान बन्दूक उठा रहा है और आंतंकवादी गुट के साथ हाथ मिला कर चल रहा है इसमें कोई नई बात नहीं है !
लगभग ६००० से ज्यादा टेलीफोन के कनेक्शन काट दिए गए हैं जिन का इस्तेमाल सोशल मीडिया के पेज सक्रिय रखने के लिए किया जा रहा था !
केंद्रीय गृह मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय को इस बात की खुफिया जानकारी उपलब्ध थी जिस में इस बात का खुलासा किया गया था की किस प्रकार से ट्विटर ,व्हात्सप्प, फेसबुक जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कश्मीर घाटी के युवा वर्ग को कट्टरपंथी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था !
टेरर फंडिंग और हवाला रैकेट के हवाले से कैसे और कहाँ कहाँ से पैसा कश्मीर घाटी में अलगाववाद की आग सुलगाने के लिए भेजा जा रहा था !
बुरहान वाणी की मौत के बाद कश्मीर के नौजवान कट्टरपंथी बनने लगे !
कश्मीर घाटी का नौजवान बन्दूक उठा रहा है और आंतंकवादी गुट के साथ हाथ मिला कर चल रहा है इसमें कोई नई बात नहीं है ! लेकिन जब से सुरक्षा बलों ने बुरहान वाणी को एनकाउंटर में मौत के घाट उतरा था उस दिन से कश्मीर में हर वो नौजवान जिस के दिल में हिंदुस्तान की फ़ौज के खिलाफ जेहर भरा हुआ था वो बन्दूक उठाने के लिए तयार था !
येही वजह है की जब बुरहान वाणी की मौत के बाद कश्मीर घाटी सुलग रही थी सबसे आगे की पंक्ति में वो नौजवान सुरक्षा बलों से लोहा ले रहे थे जो कभी आंतंकवादी घटना से नहीं जुड़े थे और जिनका पुलिस के पास भी कोई रिकॉर्ड माजूद नहीं था ! सवाल ये उठता है तो यह नौजवान इस राह कैसे चल पड़े !
जवाब है इन्टरनेट की मदद से यह सब युवा बुरहान वाणी के फेन बन चुके थे और उस की मौत का बदला लेने के लिए खुद भी आंतंकवादी बनने के लिए तयार बैठे थे !
बुरहान वाणी इन सब युवाओं के लिए भगवन से कम नहीं था ! वो सब उस की पूजा करते थे और जिस तरह से उसने छोटे छोटे विडियो क्लिप बना कर अपना पैगाम कश्मीर घाटी के नौजवानों के नाम दिया था उस से वो काफी मशहूर हो गया था !
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक बुरहान वाणी की मौत के बाद 100 से अधिक युवा आतंकवादी बने और इस साल भी 70 से ज्यादा युवा बन्दूक उठा आतंकवादी संगठन में शामिल हो चुके हैं !
अगस्त महीने में बाबा बादशाह गुलाम शाह विश्व विद्यालय में 6th सेमेस्टर का छात्र जाकिर मूसा के आन्तंकी संगठन अंसार घज्वत उल हिन्द में शामिल हो गया था ! इस मामले के सामने आते ही सुरक्षा बलों के कान खड़े हो गए की इतने बड़े शिक्षा संसथान में भी आन्तंकी अपना जाल बीचा चुके हैं और पड़े लिखे नौजवानों को अपने वश में कर रहे !
इस के बाद अनंतनाग डिग्री कॉलेज के छात्रों को पुलिस में रामबन में SSB कैंप पे हुए हमले में साज़िश रचने के लिए हिरासत में लिया !यह तीनों युवा साइबरस्पेस के माध्यम से कटरपंथी बने और SSB के कैंप पे हमला किया !
पुलिस ने भी इस बात को माना है की इन्टरनेट के इस्तेमाल और साइबरस्पेस पे आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रायोजित सामग्री युवों को आतंक की राह ले जाने में कामयाब हुई है और इस चुनौती का सामना करने के लिए सुरक्षा बलों को अपनी कमर कसने के जरूरत है ! पुलिस जाँच में यह बात भी सामने आये रामबन के रहने वाले लड़के जब कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में पढ़ रहे थे वो वहां किसी ऐसे सदस्य के साथ जुड़े थे जिस का ताना बाना किसी आतंकी के साथ जुदा हुआ था और वहीँ से इन लड़कों को बन्दूक मिली जिस का इस्तेमाल उन्होंने SSB कैंप पे हमले के समय किया था !
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