मह‍िलाओं के प्रत‍ि बढ़ते अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे; द‍िल्‍ली और महाराष्‍ट्र राज्यों में भी घरेलू हिंसा के मामले बढ़े

    आंकड़ों की बात करें तो जहां तक ​​महिलाओं के प्रति अपराध का सवाल है, असम, ओडिशा, दिल्ली, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान में अपराध के मामले ज्‍यादा थे।

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    मह‍िलाओं के प्रत‍ि बढ़ते अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
    मह‍िलाओं के प्रत‍ि बढ़ते अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

    राष्‍ट्रीय मह‍िला आयोग के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के प्रति घरेलू ह‍िंसा मामलों में बढ़ोतरी, यूपी में सबसे ज्‍यादा (55%) मामले दर्ज

    देश में महिलाओं के प्रत‍ि बढ़ते अपराधों के मामलों में साल दर साल बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। कोव‍िड-19 महामारी के दौरान भी 2020 में राष्‍ट्रीय मह‍िला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को देशभर से 23,700 श‍िकायतें प्राप्‍त हुई थीं। वहीं, इसकी संख्‍या 2021 में बढ़कर 30,800 र‍िकॉर्ड की गई जोक‍ि 2022 में मामूली वृद्ध‍ि के साथ 30,900 दर्ज की गई है।

    एनसीडब्‍लू में प्राप्‍त श‍िकायतों में हर साल होने वाली बढ़ोतरी के पीछे की बड़ी वजह यहां पीड़‍िताओं की पहुंच को आसान बनाया जाना माना गया है। देशभर में सबसे ज्‍यादा मामले उत्‍तर प्रदेश, द‍िल्‍ली और महाराष्‍ट्र राज्‍यों से र‍िकॉर्ड क‍िए गए हैं। साल 2021 में भी इन तीनों राज्‍यों से ही सबसे ज्‍यादा श‍िकायतें प्राप्‍त हुई थीं। साल 2022 में ‘घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं की सुरक्षा’ श्रेणी में कुल 6,900 शिकायतें घरेलू ह‍िंसा से जुड़ी हुई प्राप्‍त की गई हैं।

    र‍िपोर्ट के मुताब‍िक एनसीडब्‍लू के राज्‍यवार आंकड़ों की माने तो सबसे ज्‍यादा शिकायतें 55% उत्‍तर प्रदेश राज्‍य से प्राप्‍त की गई थीं। इन शि‍कायतों के चलते यूपी मह‍िलाओं से जुड़े अलग-अलग अपराधों के मामलों में टॉप पर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली (10%) और तीसरे पर महाराष्ट्र (5%) है। अहम बात यह है क‍ि 2021 में भी इन तीनों राज्‍यों से ही सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई थीं। साल 2020 से 2021 में मह‍िलाओं से जुड़े अपराधों की संख्‍या 30 फीसदी तक बढ़ गई थी। वहीं इस साल 2022 में इसमें कमी की बजाय मामूली बढ़ोतरी र‍िकॉर्ड की गई है। इस बीच देखा जाए तो साल 2022 दुन‍िया को कोव‍िड महामारी से बाहर न‍िकलने वाले साल के रूप में देखा गया है। इस साल भी 30,900 शि‍कायतें दर्ज कर इसमें मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई।

    एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताब‍िक साल 2022 में सबसे ज्‍यादा श‍िकायतें तीन श्रेण‍ियों में म‍िली हैं ज‍िनमें गरिमा के साथ रहने के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए (31%); घरेलू हिंसा के प्रति महिलाओं की सुरक्षा (23%); और दहेज सहित विवाहित महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दे (15%) पर प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं। इनमें से कुल शिकायतों में से 55% यूपी से, दिल्ली से 10% और महाराष्ट्र से 5% थीं।

    इन सभी बढ़ती शिकायतों पर एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है क‍ि जन सुनवाई (सार्वजनिक सुनवाई) के माध्यम से इन श‍िकायतों में वृद्ध‍ि हुई है। साथ ही समयबद्ध तरीके से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट, शिकायत प्रकोष्ठ, घरेलू ह‍िंसा से न‍िपटने के ल‍िए जुलाई 2021 में शुरू क‍िए गए 24×7 हेल्पलाइन प्लेटफॉर्म (7827170170) के साथ-साथ इसके ल‍िए हेल्‍प उपलब्‍ध कराए जाने के ल‍िए प्रोत्साहित करने की वजह से यह सब आंकड़े बढ़े हैं।

    रेखा शर्मा ने कहा क‍ि हम लगातार सोशल मीडिया सहित अपने मंच के माध्यम से महिलाओं को आगे आने, बोलने और अपनी चिंताओं को साझा करने के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित करने का भी पूरा प्रयास कर रहे हैं। इन सभी के प्रयासों से मह‍िला उत्‍पीड़न संबंधी श‍िकायतों का आंकड़ा भी बढ़ा है।

    इस बीच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के साल 2020 के लिए आंकड़ों की बात करें तो जहां तक ​​महिलाओं के प्रति अपराध का सवाल है, असम, ओडिशा, दिल्ली, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान में अपराध के मामले ज्‍यादा थे।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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