इजराइल और भारत के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग से मजबूत होते रिश्ते!

    आईएआई न केवल भारत को यूएवी (मानव रहित विमान) की पेशकश करेगा बल्कि एचएएल को भारत में उनके निर्माण में भी मदद करेगा।

    0
    245
    इजराइल और भारत के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग से मजबूत होते रिश्ते!
    इजराइल और भारत के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग से मजबूत होते रिश्ते!

    इजराइल और भारत साथ मिलकर भारतीय वायुसेना और थलसेना की जरूरतों को पूरा कर रहे

    भारत और इजराइल के संबंधों से पूरी दुनिया वाकिफ है। दोनों के रिश्ते रणनीतिक साझेदार के अलावा सैन्य सहयोग पर आधारित हैं। इजराइल से भारत हाईटेक रक्षा सामान खरीदता रहता है, जिससे सीमा की सुरक्षा और मजबूत हो सके। भारत और इजराइल के रक्षा सौदे को लेकर इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) में भारत के लिए मार्केटिंग के उपाध्यक्ष, एवी ब्लेसर का कहना है कि वह भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर उनकी रक्षा जरूरतों के समाधान के लिए काम कर रहे हैं। भारत की जरुरत को समझने के लिए एवी ब्लेसर भारतीय सैनिकों के युद्ध अभ्यास में भी साथ गए थे। साथ ही ब्लेसर ने रक्षा मंत्रियों के साथ मुलाकात की, नक्सलियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के उपयोग पर पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया, और एक बार आंध्र प्रदेश पुलिस से भी बात की। 2020 की गलवान घटना के बाद से ही वह चीन-भारत सीमा पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

    2020 में गलवान की घटना के बाद से भारत ने चीन सीमा पर मानवरहित विमान ‘हेरॉन एमके2’ तैनात कर रखा है। यह इजराइली ड्रोन, 35 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। 1000 किलोमीटर के दायरे को कवर कर सकता है, घने बादलों को भी देख सकता है। हेरॉन एमके 2 खराब मौसम में भी काम करता है। यह 45 घंटे तक उड़ सकता है। बताया गया है कि इसे अब लेह में तैनात किया जा रहा है। भारतीय सेना ने पिछले साल इजराइल से ‘हेरॉन टीपी’ भी लीज पर लिया। यह मानवरहित विमान इजराइल में बने उन विमानों में है जिसे जरूरत पड़ने पर हथियारों से लैश किया जा सकता है।

    एवी ब्लेसर ने 1991 से बने भारत के साथ अपने संबंधों को याद किया, जब वो पहली बार सिंगापुर एयर शो में एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल से मिले थे। उन्होंने कहा कि मैं एक यूरोपीय पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा था। तब भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें साउथ ब्लॉक में आमंत्रित किया। जिसके 4 साल बाद रक्षा मंत्रालय ने 2 ‘सर्च सिस्टम’ के लिए इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समय के साथ संबंध विकसित हुए और बढ़ते चले गए। भारत के इजराइल के साथ रिश्ते बढ़ते गए। इजराइली तकनीकि और उपकरणों के आयातक से लेकर भारतीय कंपनियां अब विभिन्न उपक्रमों पर आईएआई के साथ सहयोग कर रही हैं।

    इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक संयुक्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत आईएआई न केवल भारत को यूएवी (मानव रहित विमान) की पेशकश करेगा बल्कि एचएएल को भारत में उनके निर्माण में भी मदद करेगा। इसके अलावा 2018 में अडानी ने हैदराबाद में हर्मीस 900 यूएवी निर्माण करने के लिए इजराइली कंपनी एबिल्ट सिस्टन के साथ हाथ मिलाया। इससे पहले 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा के बाद आईएआई ने भारत में यूएवी के निर्माण के लिए एलकॉन सिस्टम और डायनामेटिक टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस साल की शुरुआत में एचएएल ने इजराइल के साथ कार्गो और परिवहन क्षमताओं के साथ हवा में ईंधन भरने के लिए नागरिक यात्री विमान को बहुमिशन टैंकर परिवहन में बदलने के लिए आईएआई के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है। एमओयू में यात्री विमानों को मालवाहक विमानों में बदलना भी शामिल है।

    आईएआई में बोइंग 767 रूपांतरण के निदेशक ‘नोआम शेरोनी का कहना है कि आईएआई विश्व का लीडर है। क्योंकि वह 17 वर्ष और उससे अधिक आयु के विमान दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने रिकॉर्ड 283 यात्री विमानों को मालवाहक विमानों में परिवर्तित किया है। आपको बता दें कि उच्च सुरक्षा वाले आईएआई में 10 से 15 हजार कर्मचारी शामिल हैं। जिसमें इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं। उन्होंने बताया कि बिजली के तार बेंगलुरु के सैसमोस हेट टेक्नोलॉजी लिमिटेड नामक कंपनी से प्राप्त किए जाते हैं।

    गौरतलब है कि मानव रहित विमान (यूएवी) एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। एवी ब्लेसर ने बताया कि हेरॉन एमके2 800 फीट प्रति मिनट की गति से चढ़ सकता है। सभी ग्राउंड स्टेशनों को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। ब्लेसर कहते हैं कि इन सबसे ऊपर यह विभिन्न उपकरणों को सुन सकता है और लक्ष्य को इंगित कर सकता है। उन्होंने कहा कि एमके2 का इस्तेमाल खोज और बचाव कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। एवी ब्लेसर ने कहा कि दुनिया ‘मानव रहित क्षमता और समाधान की तलाश कर रही है’।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.