साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार कुछ 24 भारतीय भाषाओं में दिए जाते हैं
हिंदी के युवा और चर्चित लेखक भगवंत अनमोल को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भगवंत अनमोल को उनके उपन्यास ‘प्रमेय’ के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है। भगवंत अनमोल के साथ कुल 24 भारतीय भाषाओं के युवा लेखकों को साहित्य अकादमी ने इस वर्ष के युवा पुरस्कार से सम्मानित किया है। प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया और साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने युवा रचनाकारों को नई दिल्ली स्थित त्रिवेणी कला संगम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया।
साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कम्बार की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में विभिन्न भाषाओं के 24 लेखकों की कृतियों को वर्ष 2022 के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए चुना गया था। चयनित साहित्यकारों के नामों की घोषणा अगस्त में की गई थी।
पुरस्कार वितरण समारोह में साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि आज के पुरस्कृत युवा लेखक एक नए भारतीय परिवेश का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें भाषा की बाध्यता अब कोई महत्त्वपूर्ण बात नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के पास अभिव्यक्ति के अनेक नए साधन हैं और वे अब कई विधाओं का अतिक्रमण कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात लेखिका ममता कालिया ने कहा कि अब का युवा सच में युवा है और उसके पास विचारों से लेकर अन्य सभी जानकारियों की उपलब्धता है। उनका लेखन आशा से भरा हुआ है। कई मंचों पर सक्रिय यह नई पीढ़ी नई ऊर्जा से भरपूर है और उसका हर कृत्य उत्साहजनक है। ममता कालिया ने युवा पीढ़ी को आगाह भी किया कि लिखने से पहले क्या नहीं लिखना है, उस पर विचार करना ज़रूरी है। विषय का चयन ही उत्कृष्ट रचना का आधार बनता है। उन्होंने सभी युवा पुरस्कार विजेताओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पुरस्कार उन्हें एक कंदील की तरह नए पुरस्कार जीतने की रोशनी और उत्साह प्रदान करेगा।
भगवंत अनमोल की पुस्तकें ‘ज़िन्दगी 50-50’, ‘कामयाबी के अनमोल रहस्य’ और ‘तुम्हें जीतना ही होगा’ काफी चर्चित रही हैं। किन्नर समाज पर लिखित उपन्यास ‘ज़िन्दगी 50-50’ ने पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस उपन्यास को कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने अपने एमए हिंदी के पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2022 के लिए कुल 24 लेखकों को सम्मानित किया गया है। जिन लेखकों को सम्मानित किया गया उनमें बांग्ला भाषा में सुमन पतारी, अंग्रेजी भाषा में मिहिर वत्स, उर्दू भाषा में मकसूद आफाक, संस्कृत भाषा में श्रुति कानिटकर, राजस्थानी में आशीष पुरोहित, सिंधी भाषा में हिना आसवाणी, पंजाबी भाषा में संधू गगन, असमिया भाषा में प्रद्युम्न कुमार गोगोई, बोडो भाषा में सुमन पातारी, डोगरी भाषा में आशु शर्मा, गुजराती में भरत खेनी, कन्नड में दादापीर जैमन, कश्मीरी में शाइस्ता खान, कोंकणी में मायरन जेसन बार्रेटो, मैथली में नवकृष्ण ऐहिक, मलयालम में अनघा जे. कोलथ, मणिपुरी में सोनिया खुंद्राकपम, मराठी में पवन नालट, नेपाली में रोशन राई चोट, ओडिआ में दिलीप बेहरा, संताली में सालगे हांसदा, सिंधी में हिना आसवाणी, तमिल में पी. कालिमुथ्थु और तेलुगु में पल्लिपुट्टु नागाराजु शामिल हैं।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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