मोहन भागवत ने कहा भगवान के लिए सभी एक हैं उनमें कोई भेद नहीं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था पर खुलकर अपनी राय जाहिर की। आरएसएस प्रमुख ने मुंबई में संत रोहिदास जयंती समारोह में बोलते हुए जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराया। भागवत ने कहा भगवान ने हमेशा कहा है कि मेरे लिए सभी एक हैं उनमें कोई जाति – वर्ण नही है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?
आरएसएस प्रमुख ने साथ ही कहा कि हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है। संत रोहिदास और बाबासाहेब ने समाज मे सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम किया। देश और समाज के विकास के लिए जिन्होंने मार्ग दिखाया वो संत रोहिदास थे, क्योंकि समाज को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जो परंपरा की ज़रूरत थी वो इन्होंने दी है। देश के लोगों ने अपने मन को ही पसोपेश में डाला। इसके लिए कोई और ज़िम्मेदार नही। समाज मे जब अपनापन खत्म हो जाता है तभी स्वार्थ बड़ा हो जाता है।
हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश मे आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। भागवत ने कहा कि संत रोहिदास तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे। इसलिए संत शिरोमणि थे। शास्त्रर्थ में वो ब्राह्मणों से भले नही जीत सके। लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिलाया कि भगवान है। देश में हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है। ये बात आपको कोई पंडित नही बता सकता आपको खुद समझना होगा।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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