आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कमांडरों की बैठक, रक्षा मंत्री गोवा पहुंचे!

    रक्षामंत्री पहले गोवा के डाबोलिम में आईएनएस हंसा पर पहुंचे। इसके बाद नौसेना के टॉप कमांडरों के साथ देश की सुरक्षा और सैन्य रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे।

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    आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कमांडरों की बैठक, रक्षा मंत्री गोवा पहुंचे!
    आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कमांडरों की बैठक, रक्षा मंत्री गोवा पहुंचे!

    आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कमांडरों की पहली बैठक

    भारत के पहले स्वदेशी प्लेन करियर शिप आईएनएस विक्रांत पर पहली बार नौसेना कमांडरों की बैठक हो रही है। यह बैठक आज समुद्र के बीचों-बीच होगी। इसके लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेना गोवा पहुंच चुके हैं। वे सबसे पहले गोवा के डाबोलिम में आईएनएस हंसा पर पहुंचे। इसके बाद नौसेना के टॉप कमांडरों के साथ देश की सुरक्षा और सैन्य रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे।

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि तीनों सेनाओं के बीच अच्छा तालमेल बैठ सके। बैठक में पिछले 6 महीनों के दौरान किए गये ऑपरेशन, लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग, और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी। इसके अलावा हिंद महासागर में चीन की बढ़ती एक्टिविटी पर भी चर्चा हो सकती है।

    मार्च के अंत में अग्निवीरों का पहला बैच आईएनएस चिल्का से पास आउट होने वाला है। इसमें महिला अग्निवीर भी शामिल हैं। बैठक में अग्निपथ योजना को लेकर भी बातचीत की जाएगी। यह जानकारी नौसेना ने रविवार को एक बयान जारी करके बताया है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर 2015 को आईएनएस विक्रमादित्य पर संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। यह पहला मौका था, जब रक्षामंत्री और तीनों सेनाओं के चीफ सहित टॉप कमांडरों का यह सम्मेलन राजधानी दिल्ली से बाहर समुद्र में हुआ था। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

    आईएनएस विक्रांत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड यानी सीएसएल ने किया है। इसे वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है, जिसे पहले नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में जाना जाता था। ये भारतीय नौसेना का इन-हाउस डिजाइन ऑर्गेनाइजेशन है।

    45 हजार टन वजनी आईएनएस विक्रांत भारत में बना सबसे बड़ा वॉरशिप है। ये आईएनएस विक्रमादित्य के बाद देश का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है। विक्रमादित्य को रूसी प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया था।

    आईएनएस विक्रांत के साथ भारत दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर को डिजाइन करने और उसे बनाने में सक्षम हैं। इसमें फ्यूल के 250 टैंकर और 2400 कंपार्टमेंट्स हैं। इस पर एक बार में 1600 क्रू मेंबर्स और 30 विमान तैनात हो सकते हैं।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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