असम सरकार बाल विवाह पर काफी सख्त!
असम सरकार शुक्रवार यानी आज से बाल विवाह के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने वाली है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर कोई बाल विवाह कार्यक्रम में शामिल होता है तो उसकी भी गिरफ्तारी होगी। गुरुवार शाम को बाल विवाह मामले में 7 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राज्य में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं। जल्द ही इन पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी शादी में संतान भी पैदा हुई होगी तो शादी करने वाले पुरुष पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज होगा।
असम कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने का फैसला किया है। साथ ही 14 से 18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। सरमा का कहना है कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि बाल विवाह भी इसका एक मुख्य कारण है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं को सही उम्र में मां बनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मां बनने की सही उम्र 22 से 30 साल है। महिलाओं को इसके लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर वो 30 के बाद बच्चे को जन्म देती हैं तो कई सारे मेडिकल कॉम्प्लीकेशंस होते हैं। सीएम ने यह बात शनिवार को गुवाहाटी में एक सरकारी कार्यक्रम में कही है। वह बाल विवाह और महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
सीएम सरमा ने मुस्कराते हुए कहा कि जिन महिलाओं ने अभी तक शादी नहीं की है, उन्हें जल्द ही कर लेनी चाहिए। भगवान ने हमारे शरीर को इस तरह से बनाया है कि हर चीज एक तय उम्र सीमा के तहत की जाए। उन्होंने आगे कहा कि कम उम्र में शादी न करना और सही उम्र में बच्चे पैदा न करना भी मां और शिशु मृत्यु दर बढ़ने का कारण है। इसीलिए मैं सभी महिलाओं को सलाह दूंगा कि 30 से कम उम्र में शादी कर लेनी चाहिए।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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