कर्नाटक विधानसभा बनीं राजनैतिक अखाड़ा कभी सावरकर तो कभी सीमा विवाद का मुद्दा

    कर्नाटक में पक्ष-विपक्ष का टकराव

    0
    222
    कर्नाटक विधानसभा
    कर्नाटक विधानसभा

    कर्नाटक विधानसभा में राजनैतिक उथल-पुथल विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा

    कर्नाटक विधानसभा में सावरकर की तस्वीर लगाए जाने पर सोमवार को बवाल हो गया। कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने इसके विरोध में विधानसभा से वॉकआउट किया। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत विपक्ष के कई विधायकों ने इस मसले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी में मांग की गई है कि सदन में वाल्मीकि, बासवन्ना, कनक दास, बीआर अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल की तस्वीरें लगाई जाएं।

    कांग्रेस के विरोध के बाद भाजपा ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- वैचारिक मतभेद होना चाहिए, लेकिन सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी हैं। अगर उनकी तस्वीर न लगाई जाए, तो क्या सदन में दाऊद इब्राहिम की तस्वीर लगाएं?

    कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यह कोई विरोध नहीं है। यह केवल हमारी मांग है कि सभी राष्ट्रीय नेताओं और समाज सुधारकों की तस्वीरें विधानसभा हॉल में लगाए जाएं। साथ ही कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने का एकतरफा फैसला लिया है।

    सिद्धारमैया ने कहा- मैं किसी की तस्वीर लगाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन इन सब से सरकार कानून और व्यवस्था जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है।

    कर्नाटक कांग्रेस चीफ और विधायक डीके शिवकुमार ने राज्य सरकार पर इस तरह के कदमों के जरिए विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। शिवकुमार ने कहा कि वे चाहते हैं कि हमारी विधानसभा की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। वे इसे बाधित करना चाहते हैं। वे यह तस्वीर इसलिए लाए हैं क्योंकि हम उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उठाने जा रहे हैं। उनके पास कोई विकास एजेंडा नहीं है।

    राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन था। पहले ही दिन इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। कर्नाटक विधानसभा के 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र के दौरान पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद का मुद्दा उठने की संभावना है।

    बेलगावी पुलिस ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति को महामेला सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहीं महाराष्ट्र एकीकरण समिति और एनसीपी के सदस्य सीमा विवाद को लेकर कोग्नोली टोल प्लाजा के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां पर धारा 144 लागू कर दी गई है, इसके बावजूद भीड़ इकट्‌ठी कर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां पर भारी पुलिस बल मौजूद है।

    हालांकि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद (महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच) में मध्यस्थता की है। इस मुद्दे पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें सीमावर्ती निवासियों के साथ एक साथ खड़ा होना चाहिए।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.