आईएमएफ से नहीं मिली पाकिस्तान को खैरात
आर्थिक तंगहाली से परेशान पाकिस्तान बेलआउट पैकेज को लेकर आईएमएफ के साथ कोई डील फाइनल नहीं कर पाया। बेलआउट पैकेज को लेकर दोनों के बीच 10 दिनों से जारी बातचीत बेनतीजा रही। जिसके चलते पाकिस्तान को मिलने वाला 57 हजार करोड़ रुपए का लोन बीच में ही अटक गया है।
इसके बावजूद अभी भी पाकिस्तान की फाइनेंस मिनिस्ट्री को पूरी उम्मीद है कि वो जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे। हालांकि, आईएमएफ की टीम शुक्रवार यानी आज पाकिस्तान से वापस निकल रही है।
फाइनेंस सेक्रेटरी हामेद याकूब शेख ने कहा कि सारे मामलों को सुलझा लिया गया है। डील के पहले के सभी जरूरी मुद्दों पर सहमति बना ली गई है। हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि ये कौन से मुद्दे थे जिन पर सहमति बनाई गई है।
वहीं, सोमवार सुबह पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार ने जानकारी दी है कि डील से पहले आईएमएफ ने हमें एक मेंमोरेंडम पकड़ाया है। इसे मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंशिल एंड इकोनॉमिक पोलिसीज कहा गया है। इसमें सारी शर्तें लिखी गई हैं। इन पर राजी होने के बाद ही पाकिस्तान को लोन मिल पाएगा।
इस बीच आईएमएफ की टीम के हेड नेथन पोर्टर ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री को फिलहाल कोई भी ऐलान करने से मना किया है। आईएमएफ की टीम ने कहा कि जब तक वो वॉशिंगटन में अपने हेडक्वार्टर से डील को फाइनल नहीं करवा लेते हैं तब तक इसे लेकर कुछ नहीं कहा जाए।
एक तरफ पाकिस्तान को डील फाइनल होने की पूरी उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर बिना किसी स्टाफ लेवल एग्रीमेंट के आईएमएफ की टीम वापस जा रही है। दरअसल, स्टाफ लेवल एग्रीमेंट आईएमएफ और लोन मांगने वाले देश के बीच होता है। ये एग्रीमेंट दोनों पार्टियों के बीच एक समझौते के तौर पर होता है इसके बाद ही लोन पास होता है।
पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए आईएमएफ की तीसरी किश्त महीनों से अधर में लटकी हुई है। दरअसल पाकिस्तान का कहना है कि लोन देने के लिए आईएमएफ ने बहुत कड़ी शर्तें रखी हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इन शर्तों को लेकर कहा था कि से हमारी सोच से भी ज्यादा सख्त और खतरनाक हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है।
आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान सरकार इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल 60% महंगा करे। साथ ही टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है। अगर सरकार यह शर्तें मान लेती है तो महंगाई अभी से करीब-करीब दोगुनी यानी 54 से 55% तक हो जाएगी।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब केवल 3 बिलियन डॉलर का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व बचा है। जो पिछले 9 सालों में सबसे कम है। ये रिजर्व पिछले 18 महीनों से लगातार घट ही रहा है। इससे पाकिस्तान के पास इंपोर्ट की जाने वाली चीजों के लिए पैसों की कमी हो रही है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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