बंगाल के राज्यपाल ने ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर उन्हें आड़े हाथों लिया
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बीरभूम जिले के रामपुरट में भीषण हिंसा मामले में सीएम ममता बनर्जी के पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि इतनी नृशंस वारदात पर राजभवन मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकता। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई राजनीति से प्रभावित है और दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्यपाल ने ममता को एक पत्र लिखकर यह बात कही। रामपुरहाट के बगटूई गांव में मंगलवार को तड़के करीब सात-आठ मकानों में आग लगा दी गई थी। राज्य पुलिस महानिदेशक के अनुसार दो बच्चों समेत कुल 8 लोगों की मौत हुई है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि दस से अधिक लोग मरे हैं। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी।
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धनखड़ ने मंगलवार को रामपुरहाट में एक साथ इतनों लोगों की हत्या की घटना को ‘भयावह‘ करार देते हुए कहा था कि राज्य पूरी तरह से ‘हिंसा और अराजकता‘ की संस्कृति की गिरफ्त में है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि उनका यह बयान अवांछनीय है। धनखड़ ने बुधवार को बनर्जी को तीन पृष्ठों का एक पत्र लिखकर जवाब दिया और कहा कि मुख्यमंत्री ने घटना पर उनकी संयमित प्रतिक्रिया पर आरोप लगाने वाला रुख अपनाया है। राज्यपाल ने पत्र में कहा कि हमेशा की तरह, आपने रामपुरहाट के इतिहास में सबसे भीषण नरसंहार को लेकर मेरी संयमित प्रतिक्रिया पर आरोप लगाने वाला रुख अपनाया है। स्तब्ध कर देने वाले इस नरसंहार की तुलना कई लोगों द्वारा राज्य में कुछ साल पहले हुई घटनाओं से की जा रही है। उस समय आप विपक्ष में थीं।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग रुख अपना कर आपने मुझ पर अवांछित बयान देने का आरोप लगाया। जो स्थिति है उसमें मैं मूक दर्शक बन कर नहीं रह सकता। राज्यपाल ने ममता से आत्मावलोकन करने का आह्वान करते हुए कहा कि इस दावे से ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता कि कुछ घटनाओं को छोड़कर राज्य हमेशा शांतिपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मावलोकन से पता चलेगा है कि आपके द्वारा उठाए गए कदम राजनीति से प्रभावित हैं। बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआइडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने कहा कि विशेष जांच दल का गठन मामले को दबाने और दोषियों को बचाने के लिए किया जा रहा है।
WB Guv
Response to Hon’ble CM Mamata Banerjee on worst in recent memory grisly carnage at Rampurhat, where six women and two children were burnt alive.
This savagery is being justifiably compared by many to incidents in the state few years ago, while HCM was in opposition. pic.twitter.com/Z7vXiVdLFP
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) March 23, 2022
उन्होंने कहा है कि आपका यह दावा हास्यास्पद है कि बंगाल में शांति का राज है। कहा कि एनएचआरसी की रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि बंगाल में चुनावी हिंसा, मानवाधिकारों का उल्लंधन, लूटपाट बमबारी और रंगदारी की घटनाएं चरम पर हैं। ऐसे में यहां कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून है। राज्यपाल ने एसआइटी की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। कहा है कि यह सिर्फ घटना को कवर अप और अपराधियों को सुरक्षित वहां से बाहर निकालने के लिए गठित की गई है।
बता दें कि मामले पर गत मंगलवार को राज्यपाल ने ट्वीट किया था कि बीरभूम हिंसा दर्शाती है कि बंगाल में आतंक और अराजकता की संस्कृति है। इसपर मंगलवार को ही सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। कहा था कि ऐसी वेदनादायक घटना पर राज्यपाल की प्रतिक्रिया पीड़ादयाक है। अभी घटना की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के के निष्कर्ष से पहले राज्यपाल की ऐसी प्रतिक्रिया दुर्भाग्यपूर्ण है।
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