सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती घोटाला मामले में 7 राज्यों के 50 लोकेशन पर की छापेमारी

    पूरी कहानी बताते हुए छात्रों ने कहा कि उन प्रश्न पत्रों को उन लोगों ने सात-आठ लाख रुपये में देकर परीक्षा से पहले ही खरीद लिया था।

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    सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती घोटाला मामले में 7 राज्यों के 50 लोकेशन पर की छापेमारी
    सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती घोटाला मामले में 7 राज्यों के 50 लोकेशन पर की छापेमारी

    सीबीआई सर्च ऑपरेशन; हिमाचल प्रदेश में सिपाही भर्ती के प्रश्न पत्र 7 से 8 लाख तक बिके

    केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सात राज्यों के करीब 50 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक ये सर्च ऑपरेशन हिमाचल प्रदेश में सिपाही भर्ती से संबंधित भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में सिपाही भर्ती के दौरान प्रश्न पत्र लीक हो गया था, उस प्रश्नपत्र लीक से जुड़े मामले की पड़ताल के दौरान मिले तमाम सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर सीबीआई की टीम ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा सहित केन्द्र शासित प्रदेश से जुड़े कुल 50 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया। सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों और दस्तावेजों को सीबीआई की टीम के द्वारा जब्त किया गया है।

    सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक पिछले साल 30 दिसंबर को एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की अनुशंसा पर हिमाचल में पुलिस भर्ती घोटाला मामले में दो एफआईआर दर्ज की थी। ये पुलिस भर्ती परीक्षा 27 मार्च 2022 को आयोजित हुआ था, लेकिन प्रश्न पत्र परीक्षा होने से पहले ही लीक हो गया था। सीबीआई के सूत्र के मुताबिक पुलिस भर्ती परीक्षा 27 मार्च 2022 को आयोजित की गई थी। उसी दौरान काफी छात्रों और कुछ बिचौलियों के बीच पैसों के लेनदेन से संबंधित बातचीत पुलिस के संज्ञान में आ गई। उसके बाद इस मामले में कई मुखबिरों से जानकारी इकठ्ठा की गई, तो पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ गए क्योंकि उन पुलिस अधिकारियों को ये जानकारी मिली कि परीक्षा से पहले ही लाखों रुपये में प्रश्न पत्र को बेचा गया है।

    लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कांगड़ा के गग्गल पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया, लेकिन जैसे -जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ा कई महत्वपूर्ण खुलासे होते गए। दरअसल, स्थानीय पुलिस की टीम ने इस परीक्षा के तीन उन उम्मीदवारों को अचानक बुलाकर पूछताछ की, जिन्होंने परीक्षा में बहुत अच्छे अंक हासिल किए थे, तीनों छात्रों ने कुल 90 अंक में से 70 अंक प्राप्त किए थे।

    हालांकि, जब उसके दसवीं और बारहवीं परीक्षा के नतीजों को देखा गया, तो पाया गया की वे बेहद साधारण छात्र थे। उसी वक्त, जब पुलिस कर्मियों के द्वारा कड़ाई से पूछताछ की गई, तो वो तीनों छात्र टूट गए और पूरी कहानी बताते हुए कहा कि उन प्रश्न पत्रों को उन लोगों ने सात-आठ लाख रुपये में देकर परीक्षा से पहले ही खरीद लिया था। लिहाजा इस मामले की गंभीरता और योग्य युवाओं के भविष्य को देखते हुए राज्यपाल ने इस मामले में तफ्तीश के लिए सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी थी।

    सीबीआई की तफ्तीश के दौरान कई बिचौलियों सहित अन्य आरोपियों की भूमिका सामने आई है, जो मूल रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के रहने वाले हैं। इसी वजह से सीबीआई ने एक बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम देकर इस मामले में काफी तेजी से तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ा रही है क्योंकि सीबीआई की तफ्तीश में ये बात भी सामने आई है कि इन राज्यों में कुछ आरोपियों द्वारा एक संगठित तरीके से साजिश करते हुए इस तरह से कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को लीक करवाया जाता है।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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