12 भारतीय भाषाओं में आएंगी बीए, बीएससी और बीकॉम की पुस्तकें, यूजीसी की बुक पब्लिशर्स के साथ हुई बैठक!

    आयोग द्वारा यूजी कोर्सेस के लिए टेक्स्टबुक्स का प्रकाशन करने वाले देश भर के प्रमुख बुक पब्लिशर्स के साथ आज, 16 दिसंबर 2022 को एक बैठक आयोजित की गई।

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    12 भारतीय भाषाओं में आएंगी बीए, बीएससी और बीकॉम की पुस्तकें
    12 भारतीय भाषाओं में आएंगी बीए, बीएससी और बीकॉम की पुस्तकें

    बीए, बीएससी और बीकॉम की अंग्रेजी माध्यम वाली पाठ्य-पुस्तकों का 12 भारतीय भाषाओं में संस्करण प्रकाशित होगा

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को विद्यालयी शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा में लागू करने की दिशा में सरकार द्वारा तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। एनईपी 2020 के प्रावधानों में से एक है छात्रों को उनकी मातृभाषा में ही पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं। इस प्रावधान को देश भर के केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों, सम्बद्ध महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में संचालित होने वाले विभिन्न स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों (जैसे- बीए, बीएससी, बीकॉम) के लिए लागू करने दी दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बडी पहल की है। आयोग द्वारा यूजी कोर्सेस के लिए टेक्स्टबुक्स का प्रकाशन करने वाले देश भर के प्रमुख बुक पब्लिशर्स के साथ आज, 16 दिसंबर 2022 को एक बैठक आयोजित की गई।

    यूजीसी की बुक पब्लिशर्स के साथ हुई बैठक के सम्बन्ध में जानकारी साझा करते हुए आयोग के अध्यक्ष मामीडाला जगदीश कुमार ने बताया कि बैठक में बीए, बीएससी और बीकॉम की अंग्रेजी माध्यम वाली पाठ्य-पुस्तकों का 12 भारतीय भाषाओं में संस्करण प्रकाशित करने की संभावनाओं पर विमर्श किया गया। इन भाषाओं में असमी, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू और उर्दू शामिल हैं।

    यूजीसी की यूजी कोर्सेस की अंग्रेजी बुक्स का 12 भारतीय भाषाओं में प्रकाशन की योजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित पुस्तकों के इन भाषाओं में अनुवादित संस्करण प्रकाशित किए जाएंगे। इस कार्य में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य करेगा और प्रकाशकों को पाठ्य-पुस्तकों की पहचान करने व इनकी विषय विशेषज्ञों से संपादन में सहायता उपलब्ध कराएगा।

    स्नातक स्तरीय कोर्से (बीए, बीएससी और बीकॉम) की टेक्स्टबुक्स को निर्धारित 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित संस्करण प्रकाशित करने के साथ ही साथ यूजीसी ने भारतीय लेखकों को गैर-तकनीकी विषयों के लिए मूलत: इन्ही भाषाओं में ही लेखन करने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है।

    यूजीसी चीफ ने कहा कि आयोग द्वारा बीए, बीएससी और बीकॉम की पुस्तकों के भारतीय भाषाओं में अनुवाद के साथ उपलब्धता अगले कुछ माह ही कराने की दिशा प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, अध्यक्ष ने कहा, “हम सराहना करते हैं कि भाग लेने वाले प्रकाशकों ने इस राष्ट्रीय मिशन में भागीदारी करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।”

    इस बैठक में एस.चांद पब्लिशर्स, विकास पब्लिशिंग, न्यू एज पब्लिशर्स, यूनिवर्सिटी प्रेस, पियर्सन इंडिया, विवा बुक्स, नारोसा पब्लिशर्स, महावीर पब्लिकेशंस, टैक्समैन पब्लिकेशंस, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, आदि के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

    [आईएएनएस इनपुट के साथ]

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