रोहिंग्या दक्षिण एशिया के लिए बड़ी समस्या – एशिया के जिस देश में पहुंचे, वहां अपराध बढ़े
म्यांमार में 5 साल पहले सेना के दमन से शुरू हुआ रोहिंग्या मुस्लिम संकट बांग्लादेश, भारत समेत 6 एशियाई देशों की परेशानी का सबब बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रोहिंग्याओं के चलते इन देशों में अपराध बढ़ रहे हैं। भारत में इनके तार घुसपैठ से लेकर आतंकी गतिविधियों तक जुड़े हुए हैं। इसी हफ्ते बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि कट्टरपंथी पीएफआई अपने संगठन में भर्ती करने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए जरूरी आधार कार्ड बनवा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, पीएफआई नई पहचान बनाने के लिए रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों के रूप में भेज रहा है। रोहिंग्याओं से सबसे ज्यादा परेशान बांग्लादेश की सरकार है। रोहिंग्या बहुल कॉक्स बाजार क्षेत्र में पिछले 5 साल में चोरी, हत्या, डकैती, दुष्कर्म, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियां 7 गुना हो चुकी हैं।
देश की स्थानीय आबादी वृद्धि दर 1% फीसदी है, जबकि रोहिंग्या की आबादी वृद्धि 5% है। इनकी बढ़ती अबादी के कारण सरकार द्वारा इनके लिए सुविधाएं जुटाने में परेशानी आ रही है। उधर, थाईलैंड में रोहिंग्याओं के लिंक मानव तस्करी से जुड़े पाए गए। वहां के रास्ते मानव तस्करी मलेशिया तक हो रही है। आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान रोहिंग्याओं को भी इसी रास्ते पर ले जा रहा है।
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना कह चुकी हैं कि हमारे यहां 11 लाख रोहिंग्या हैं। इनका बोझ उठाना है। रोहिंग्या ड्रग्स और महिला तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं, जो कानून व्यवस्था के लिहाज से हमारे लिए चुनौती है। रोहिंग्या मुसलमान लंबे समय से समस्याएं पैदा कर रहे हैं। इन्हें निर्वासित करने के बांग्लादेश जापान, कंबोडिया और चीन से मदद मांग चुका है। अब शेख हसीना सितंबर में भारत आएंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान वह भारत से इस मामले में मदद मांगेंगी।
मुस्लिम देश होने के बावजूद इंडोनेशिया अपराधों में लिप्तता, खाने-रहने की परेशानी को देखते हुए अपने यहां रोहिंग्याओं को रखना नहीं चाहता। उसने इतनी सख्ती बरती कि बीते साल रोहिंग्याओं से भरी एक बोट को अपने आचे प्रांत में ठहरने नहीं दिया।
थाईलैंड में करीब 92 हजार रोहिंग्याओं ने शरण ली है। वहां भी ये परेशानी खड़ी कर रहे हैं। अवैध रूप से पहुंच रहे रोहिंग्याओं को लौटाने के लिए 2014 में थाईलैंड ने फरमान जारी किया था। इसके बाद 13000 रोहिंग्याओं को वापस भेजा जा चुका है।पकिस्तान में भी म्यांमार से 5 साल के दौरान करीब ढाई लाख रोहिंग्या मुस्लिम पहुंच चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां रोहिंग्याओं को आतंकी ट्रेनिंग देकर बांग्लादेश सीमा से भारत में आतंकी घुसपैठ कराने की तैयारी हो रही है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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